ओपिनियन: क्या वर्ल्ड कप के राउंड-रॉबिन फॉर्मेट में भी आईपीएल की तरह प्लेऑफ होना चाहिए ?

भारतीय टीम
भारतीय टीम

9 मैच, 7 जीत, 1 हार और एक मैच बारिश की वजह से रद्द, प्वॉइंट्स टेबल में टीम टॉप पर लेकिन सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बाद वर्ल्ड कप से बाहर। 9 मैच, 7 जीत, 2 हार, प्वाइंट्स टेबल में टीम दूसरे पायदान पर लेकिन सेमीफाइनल मुकाबला हारने के बाद वर्ल्ड कप से बाहर। ये स्थिति है वर्ल्ड कप 2019 में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमों का। दोनों टीमों ने पूरे लीग चरण में जबरदस्त प्रदर्शन किया और प्वॉइंट्स टेबल में पहले और दूसरे पायदान पर रहीं लेकिन एक खराब दिन ने उनको वर्ल्ड कप से बाहर का रास्ता दिखा दिया। दूसरी तरफ तीसरे और चौथे पायदान पर रहने वाली इंग्लैंड और न्यूजीलैंड की टीम फाइनल में पहुंच चुकी है।

इन दोनों टीमों को लीग चरण में 3-3 मैचों में हार का सामना करना पड़ा था और बमुश्किल इन्होंने अंतिम 4 में जगह बनाई थी लेकिन यही दो टीमें अब 14 जुलाई को लॉर्ड्स में फाइनल मुकाबला खेलेंगी और कोई एक टीम पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनेगी। सोचिए अगर 9 में से 7 मैच जीतकर लीग चरण खत्म करने के बावजूद भी आप फाइनल में ना पहुंचे तो कितना दुख होगा। लेकिन वर्ल्ड कप का फॉर्मेट ही यही है। लीग चरण में आपने कैसा भी प्रदर्शन किया हो लेकिन नॉक आउट चरण में एक हार आपके अरमानों पर पानी फेर सकता है और यही भारत और ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ है। एक हार से उनके वर्ल्ड कप जीतने का सपना चकनाचूर हो गया है।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के इस तरह बाहर होने के बाद अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या आईपीएल की ही तरह वर्ल्ड कप के राउंड रॉबिन फॉर्मेट में भी प्लेऑफ होने चाहिए। दरअसल आईपीएल में जो टीमें प्वॉइंट्स टेबल में पहले और दूसरे पायदान पर रहती हैं उन्हें दो मौके मिलते हैं। अगर वो एक मैच हार भी जाएं तो फाइनल में जगह बनाने के लिए उनको एक मैच और मिलता है। वहीं दूसरी तरफ तीसरे और चौथे पायदान पर रहने वाली टीम को 2 मैच जीतने पड़ते हैं तभी उसे फाइनल में जगह मिलती है। इससे होता ये है कि जो टीम लीग चरण में लगातार अच्छा खेलते आई है उसको एक खराब दिन की वजह से टूर्नामेंट से बाहर नहीं होना पड़ता है, बल्कि उसे वापसी का पूरा मौका मिलता है।

वर्ल्ड कप सेमीफाइनल से बाहर होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब भारतीय कप्तान विराट कोहली से पूछा गया तो उन्होंने भी ये कहा कि अगर प्वॉइंट्स टेबल में टॉप करने के कुछ मायने हैं तो जरूर इस नियम पर विचार करना चाहिए। वहीं पूर्व क्रिकेटर और दिग्गज कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने भी ट्वीट कर इसका समर्थन किया।

ऐसा नहीं है कि भारतीय टीम वर्ल्ड कप से बाहर हो गई है, इसलिए हम इस नियम का समर्थन कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि ये नियम सबको बराबर का मौका देता है। जो टीम प्वॉइंट्स टेबल में टॉप पर रहती है फिर उसे बाहर होने का दुख नहीं रहता है। हालांकि कुछ लोग भले ही इससे इत्तेफाक नहीं रखते हों, उनकी अपनी अलग राय हो सकती है। लेकिन इस तरह के नियम से वर्ल्ड कप और भी ज्यादा दिलचस्प हो जाएगा और सभी टीमों को बराबर का मौका मिलेगा।

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Edited by सावन गुप्ता