वर्ल्ड कप 2019 के सेमीफाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड के हाथों हार के बाद ही भारतीय टीम का वर्ल्ड चैंपियन बनने का सपना टूट गया। भारतीय टीम 240 रनों के लक्ष्य का पीछा नहीं कर पाई और उसे 18 रन से हार का सामना करना पड़ा। टीम इंडिया के लिए ये किसी बड़े झटके से कम नहीं है। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और 9 में से 7 मैच जीतकर प्वॉइंट्स टेबल में टॉप किया लेकिन नॉक आउट मुकाबले में हार के साथ ही टीम के वर्ल्ड कप का सफर खत्म हो गया। इतने अच्छे प्रदर्शन के बावजूद फाइनल में जगह नहीं बना पाने का मलाल फैंस के साथ-साथ खिलाड़ियों को भी काफी समय तक रहेगा।
वैसे देखा जाए तो विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम को दूसरी बार आईसीसी के किसी टूर्नामेंट के नॉक आउट स्टेज में हार मिली है। इससे पहले 2017 चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान ने भारत को बुरी तरह हराया था और अब वर्ल्ड कप स्टेज पर टीम को सेमीफाइनल में हार मिली है। कोहली की कप्तानी की बात की जाए तो दिन-प्रतिदिन उनमें सुधार हुआ है और उनकी कप्तानी में टीम ने कई बड़े सीरीज भी जीते हैं। ऑस्ट्रेलिया को ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सीरीज में हराने का कारनामा कोहली की कप्तानी में ही हुआ है। इसके अलावा न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका में मिली जीत भी काफी मायने रखती है। हालांकि एक सच ये भी है कि कोहली ने अभी तक मल्टीनेशन टूर्नामेंट में एक भी ट्रॉफी नहीं जीती है।
बात चाहे आईपीएल की हो, आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी या फिर वर्ल्ड कप की, कोहली आखिरी लाइन क्रॉस करने में नाकाम रहे हैं। कोहली ने अपने करियर में कई बड़े कीर्तिमान अपने नाम किए हैं और कई शानदार पारियां भी खेली हैं लेकिन एक कड़वा सच ये भी है कि कोई भी आईसीसी ट्रॉफी आज तक उनके नाम नहीं रही है। इसके अलावा वो अहम मुकाबलों में फ्लॉप भी रहे हैं। 2015 का सेमीफाइनल मैच, 2017 आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी फाइनल और 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल, कोहली इन सभी मैचों में रन बनाने में नाकाम रहे हैं। यहां पर मैं ये नहीं कह रहा कि विराट कोहली एक बुरे कप्तान हैं या उनकी कप्तानी में किसी प्रकार की कोई कमी है लेकिन कभी-कभी एक लक फैक्टर भी किसी खिलाड़ी के लिए काफी मायने रखता है। शायद कोहली के पास वो लक फैक्टर नहीं है जो उन्हें बड़े टूर्नामेंट्स में जीत दिला सके।
वहीं दूसरी तरफ रोहित शर्मा की अगर बात करें तो अपनी कप्तानी में उन्होंने 3 आईपीएल ट्रॉफी जीती है। इसके अलावा एशिया कप का खिताब भी उनकी ही कप्तानी में भारत ने जीता था और 3 देशों के बीच हुुए निदहास ट्रॉफी में भी भारत को रोहित शर्मा की कप्तानी में ही जीत मिली थी। ऐसा नहीं है कि रोहित शर्मा की कप्तानी में जो टीम खेली वो काफी अलग थी या फिर उन्होंने कुछ असाधारण कर दिया। लेकिन शायद रोहित शर्मा के पास वो लक फैक्टर हो जो उन्हें बड़े टूर्नामेंट्स में जीत दिलाता है। ये सब देखकर कई लोगों का कहना है कि रोहित शर्मा को टीम का कप्तान होना चाहिए।
हालांकि विराट कोहली अभी कप्तानी से हट नहीं रहे हैं और शायद आने वाले दिनों में वो इस धारणा को गलत भी साबित कर दें। 2020 में ऑस्ट्रेलिया में टी20 वर्ल्ड कप है और कोहली के पास इस तरह की धारणा बनाने वाले लोगों को जवाब देने का अच्छा मौका भी है और टीम ऐसा करने में सक्षम भी है। लेकिन अभी तक जो हुआ उसे देखते हुए ये कहा जा सकता है कि शायद रोहित शर्मा को टीम का कप्तान होना चाहिए।
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