पाकिस्तान के बल्लेबाज अजहर अली ने वन-डे क्रिकेट को अलविदा कह दिया है। लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में एक प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने युवा खिलाड़ियों को मौका देने की बात कहते हुए वन-डे क्रिकेट छोड़ने का ऐलान किया। इस 33 वर्षीय खिलाड़ी ने 2011 में पदार्पण किया था।
इस साल अंतिम न्यूजीलैंड के खिलाफ अजहर ने पाकिस्तान की तरफ से अंतिम बर वन-डे क्रिकेट में शिरकत की थी। इसके अलावा पिछले साल इंग्लैंड में हुई आईसीसी चैम्पियंस ट्रॉफी में उन्होंने 228 रन बनाए थे। वे फखर जमान के बाद अपनी टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने थे।
आयरलैंड के खिलाफ 2011 में वन-डे डेब्यू करने वाले इस खिलाड़ी ने 53 मैच खेलकर तकरीबन 37 के औसत से 1845 रन बनाए। कई बार उन्हें टीम में अंदर-बाहर होना पड़ा। फरवरी 2012 से जनवरी 2013 तक उन्हें लगातार पाक टीम में खेलने का मौका मिला। 2015 विश्वकप के लिए उनकी कप्तान के रूप में टीम में वापसी हुई।
अजहर की कप्तानी के दौरान पाकिस्तानी टीम का वन-डे मैचों में ग्राफ काफी नीचे चला गया। पाकिस्तान ने 12 मैच जीते और 18 मुकाबलों में हार का सामना करना पड़ा। पाकिस्तान की रैंकिंग भी इस दौरान नीचे चली गई। चैम्पियंस ट्रॉफी के लिए भी टीम मुश्किल से अपना स्थान बना पाई। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2017 में 4-1 से पराजय का सामना करने के बाद उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया। उनकी जगह सरफराज अहमद को कप्तान बनाया गया और पाकिस्तान ने चैम्पियंस ट्रॉफी का ख़िताब जीत लिया।
अहमद को कप्तानी से हटाने के बाद पाकिस्तान का प्रदर्शन काफी ऊपर आया। उन्होंने कई बड़ी टीमों को हराया। इसके अलावा वन-डे और टेस्ट क्रिकेट में लगातार निरंतर शानदार खेल दिखाया। अजहर अली टीम से बाहर चल रहे थे और वापसी के भी अवसर कम ही नजर आ रहे थे और उनके संन्यास का यह भी एक कारण हो सकता है।
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