ऑस्ट्रेलिया के वनडे और टेस्ट कप्तान पैट कमिंस (Pat Cummins) ने राष्ट्रीय टीमों के द्वारा सबसे लम्बे फॉर्मेट के बजाय फ्रेंचाइजी क्रिकेट को बढ़ावा देने पर चिंता जाहिर की है। कमिंस का मानना है कि टेस्ट क्रिकेट तभी सर्वाइव कर सकता है, जब इसमें टीमों की संख्या को बढ़ाया जायेगा और सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी नजर आएंगे।
मौजूदा समय में लगभग हर देश अपने यहाँ फ्रेंचाइजी क्रिकेट शुरू कर चुका है और इसके लिए कई बार अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को भी तवज्जो नहीं दी जाती है। इसका ताजा उदाहरण दक्षिण अफ्रीका है, जो टी20 लीग SA20 के दूसरे सीजन में प्रमुख खिलाड़ियों की उपलब्धता को बरकरार रखने के लिए न्यूजीलैंड में टेस्ट सीरीज के लिए दूसरे दर्जे की टीम भेजने को सोच रहा है।
AAP से बात करते हुए, पैट कमिंस ने ऑस्ट्रेलियाई फैंस द्वारा टेस्ट फॉर्मेट को मिलने वाले समर्थन का जिक्र किया और साथ ही टेस्ट टीमों की संख्या को बढ़ाने की भी मांग की। उन्होंने कहा,
मुझे नहीं पता कि क्या सोचना है, यह सुनना निराशाजनक है। यह अजीब है, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट को काफी महत्त्व दिया जाता है। क्राउड बहुत अधिक है, लाखों लोग समर में देखते हैं। यह वास्तव में अच्छी तरह से समर्थित है। लेकिन ऐसा लगता है कि पांच या 10 साल पहले की तुलना में शायद कम देश हैं जो वास्तव में अपने सभी संसाधनों को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगा रहे हैं। मुझे इसका उत्तर नहीं पता, लेकिन एक टेस्ट क्रिकेट प्रेमी के रूप में, मुझे उम्मीद है कि अगले 10 वर्षों में 20 टेस्ट टीमें होंगी, कम नहीं।
आपको बता दें कि मौजूदा समय में केवल 12 देशों को ही टेस्ट का दर्जा प्राप्त है लेकिन उनमें से कुछ को ज्यादा मुकाबले खेलने का मौका ही नहीं मिलता है। अफगानिस्तान और आयरलैंड जैसी टीमों को अभी तक नियमित रूप से टेस्ट फॉर्मेट में मैच नहीं मिलते और इसको लेकर कई बार उनके खिलाड़ियों ने निराशा भी जाहिर की है।