अपनी कप्तानी में भारत को 2008 का अंडर -19 विश्व कप जिताने से लेकर राष्ट्रीय टीम का हिस्सा बनने तक, विराट कोहली ने एक लम्बा सफर तय किया है।
30 वर्षीय खिलाड़ी ने इतनी कम उम्र में ही इतनी उपलब्धियां हासिल कर ली हैं, जिनको शब्दों में बयाँ करना मुश्किल है। उनके आंकड़े ही सारी कहानी बयां कर देते हैं। 77 टेस्ट मैचों में विराट ने 53.76 की शानदार औसत के साथ 6613 रन; 216 एकदिवसीय मैचों में 59.84 की औसत के साथ 10232 रन और 65 टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 49.25 के औसत के साथ कुल 2167 रन बनाये हैं।
इसके साथ ही वह आईसीसी की टेस्ट और वनडे रैंकिंग में नंबर 1 बल्लेबाज़ पर हैं। एकदिवसीय मैचों में एक के बाद एक रिकॉर्ड तोड़ने के अलावा, दिल्ली में जन्मे यह खिलाड़ी भारत के सबसे सफलतम कप्तानों में से एक हैं। उन्हें अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किये हुए लगभग 10 साल से ज़्यादा का समय हो गया है। उन्होंने 18 अगस्त, 2008 को श्रीलंका के खिलाफ एकदिवसीय मैच से अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर का आगाज़ किया था।
ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि कोहली के डेब्यू के दौरान भारत की एकदिवसीय टीम का हिस्सा रहे बाकी खिलाड़ी अब कहाँ हैं। वर्तमान टीम में सिर्फ दो खिलाड़ी ऐसे हैं जो विराट के डेब्यू मैच का हिस्सा थे और आज भी भारतीय टीम में शामिल हैं।
तो आइये एक नज़र डालते हैं बाकी के 10 खिलाड़ियों पर जो कोहली के डेब्यू मैच में प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे:
#1. गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने विराट कोहली के डेब्यू मैच में उनके साथ पारी की शुरुआत की थी। बाएं हाथ के बल्लेबाज़ का क्रिकेट करियर शानदार रहा और उन्होंने भारतीय टीम के लिए कई यादगार पारियां खेली हैं। उन्होंने मेन इन ब्लू के लिए कुछ यादगार पारियां खेलीं।
37 वर्षीय बल्लेबाज़ ने दिसंबर 2018 में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी थी। गंभीर को वीरेंदर सहवाग के साथ की गई कुछ शानदार साझेदारियों के लिए याद किया जाता है, जो दिल्ली के ही उनके साथी खिलाड़ी थे।
2007 और 2011 के बीच का समय उनके लिए सर्वश्रेठ रहा लेकिन इसके बाद गौती टीम से अंदर-बाहर होते रहे और अंततः पिछले साल उन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया।
दिल्ली कैपिटल (पहले दिल्ली डेयरडेविल्स) ने गंभीर को आईपीएल सीज़न 2018 के बाद टीम से रिलीज़ कर दिया। उन्होंने उस सीज़न में अपनी 6 पारियों में केवल 85 रन बनाए थे। दिल्ली में जन्मे इस खिलाड़ी ने 147 वनडे मैचों में 39.68 की औसत से कुल 5238 रन बनाए हैं। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद वह अपने परिवार के साथ समय बिता रहे हैं।
उन्हें 2019 के लिए आईपीएल की नीलामी के दौरान विशेषज्ञों के पैनल में भी शामिल किया गया था और संभावना है कि वह अपने पुराने साथी खिलाड़ियों के साथ अब कमेंटेटर की भूमिका निभाएंगे।
#2. सुरेश रैना
कोहली के डेब्यू वनडे मैच के दौरान सुरेश रैना 1 रन बनाकर आउट हुए थे। हालाँकि, बाएं हाथ के आक्रामक बल्लेबाज का एकदिवसीय रिकार्ड बहुत प्रभावशाली रहा है। उन्होंने 226 एकदिवसीय मैचों में 35.31 की औसत के साथ कुल 5615 रन बनाए हैं।
मुरादनगर में जन्मे इस खिलाड़ी ने आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स को तीन बार ख़िताब जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। रैना 2011 में विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम का भी अहम हिस्सा थे।
एक विश्व स्तरीय फिनिशर के रूप में जाने रैना काफी समय से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। हालाँकि, अभी भी उन्होंने राष्ट्रीय टीम में जगह बनाने की आस छोड़ी नहीं हैं लेकिन लेकिन वर्तमान टीम में हार्दिक पांड्या और केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों के आने से उनके लिए दोबारा टीम का हिस्सा बन पाना मुश्किल हो गया है।
हालाँकि, आगामी विश्व कप के लिए वह अभी भी चयनकर्ताओं के रडार पर हैं। हाल ही में रैना ने रणजी ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश के लिए कुछ अच्छी पारियां खेली हैं अपनी अंतिम 3 पारियों में दो अर्द्धशतक लगाए हैं। इस के अलावा वह एक उपयोगी दाएं हाथ के ऑफ-ब्रेक गेंदबाज भी हैं।
#3. युवराज सिंह
37 वर्षीय करिश्माई ऑलराउंडर युवराज सिंह ने 304 एकदिवसीय मैचों में 36.56 की औसत और 87.68 की शानदार स्ट्राइक रेट के साथ कुल 8701 रन बनाए हैं।
युवराज ने अपना वनडे डेब्यू 3 अक्टूबर 2000 को केन्या के खिलाफ किया था और 30 जून 2017 को वेस्टइंडीज़ के खिलाफ अपना आखिरी मैच खेला था। तब से वह भारतीय टीम से बाहर चल रहे हैं।
चंडीगढ़ में जन्मे इस आलराउंडर ने कई बार भारत को संकट से निकालकर विजय दिलाई है। बल्ले के साथ उन्होंने गेंद से भी कमाल दिखाया है और अपने पूरे वनडे करियर में उन्होंने 111 विकेट चटकाए हैं। विश्व कप 2011 में उन्होंने अपने करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 362 रन बनाये और 15 विकेट लिए थे। अपने इस प्रदर्शन की वजह से युवी को 'प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट' का सम्मान मिला था।
लेकिन इस विश्व के बाद उन्हें कैंसर के इलाज के लिए उन्हें कुछ महीनों तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। हालाँकि,उन्होंने बाद में भारतीय टीम में वापसी तो की लेकिन कभी भी पहले जैसी फॉर्म दोबारा नहीं पा सके, जिसकी वजह से उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा।
वर्तमान में वह रणजी ट्रॉफी में पंजाब के लिए खेल रहे हैं। अभी भी युवी ने टीम में वापसी की उम्मीद छोड़ी नहीं है और वह आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर दोबारा टीम इंडिया का हिस्सा बनना चाहते हैं।
#4. रोहित शर्मा
रोहित शर्मा ने 23 जून, 2007 को अपने वनडे करियर की शुरुआत की थी। रोहित ने 193 वनडे मैचों में 47.78 की औसत और 88.67 की शानदार स्ट्राइक रेट के साथ कुल 7454 रन बनाए हैं। दाएं हाथ का बल्लेबाज अभी भी भारतीय टीम का एक अहम हिस्सा है।
रोहित एक करिश्माई बल्लेबाज़ हैं और वनडे में तीन दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के एकमात्र खिलाड़ी हैं। श्रीलंका के खिलाफ 173 गेंदों में बनाया गया उनका 264 रनों का स्कोर उनका सर्वोच्च स्कोर रहा है अब तक यह वनडे इतिहास का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर बना हुआ है।
31-वर्षीय बल्लेबाज़ ने साल 2018 में भी शानदार प्रदर्शन किया था। उम्मीद है कि आगामी विश्व कप में भी उनका शानदार प्रदर्शन जारी रहेगा।
रोहित जल्द ही आईपीएल 2019 में मुंबई इंडियंस की कप्तानी करते नज़र आएंगे। 'हिटमैन' वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गयी टेस्ट श्रृंखला में भारतीय स्क्वॉड का हिस्सा थे।
#5. एमएस धोनी
पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान एमएस धोनी ने राष्ट्रीय टीम के लिए 332 वनडे मैच खेले हैं। वह जल्द ही मोहम्मद अजहरुद्दीन (जिन्होंने 334 वनडे खेले हैं) को पीछे छोड़ देंगे और सबसे अधिक वनडे मैच खेलने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में तीसरे स्थान पर आ जाएंगे।
माही उन चुनिंदा खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्होंने वनडे में 10,000 से ज़्यादा रन बनाए हैं। धोनी ने अभी तक खेले 332 मैचों में 50.11 की औसत और स्ट्राइक रेट 87.89 के साथ कुल 10173 रन बनाए हैं। हालाँकि, वर्तमान में धोनी अपनी सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में नहीं हैं और 2018 में उन्होंने 20 वनडे मैचों की अपनी 13 पारियों में केवल 291 रन बनाए थे।
आईपीएल 2018 में शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भारत के लिए खेलते हुए वह रन बनाने के लिए जूझते नज़र आये। धोनी जल्द ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज़ में नजर आएंगे। इस सीरीज़ में उनके पास फॉर्म में लौटने का अच्छा मौका होगा। इसके अलावा, वह आईपीएल 2019 में चेन्नई सुपर किंग्स का नेतृत्व करते दिखाई देंगे।
2019 में होने वाले विश्व कप को देखते हुए धोनी का फॉर्म में लौटना भारतीय टीम के लिए सकारात्मक बात होगी।
#6. इरफान पठान
अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में इरफान पठान भारत के गेंदबाज़ी आक्रमण की कमान संभालते थे। बाएं हाथ के हरफनमौला खिलाड़ी ने भारत के लिए 120 वनडे मैच खेले हैं और 23.39 की औसत से और 79.55 की स्ट्राइक रेट के साथ 1544 रन बनाए हैं। गुजरात में जन्मे इस खिलाड़ी ने वनडे में 5.27 की इकोनॉमी रेट के साथ 173 विकेट लिए हैं।
उन्होंने भारत को 2007 में खेला गया टी-20 विश्व को जिताने में मुख्य भूमिका निभाई थी। वह 2004-2006 तक भारतीय टीम का अभिन्न हिस्सा रहे, लेकिन उसके बाद टीम से अंदर-बाहर होते रहे, अंततः 4 अगस्त 2012 को उन्होंने अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला और उसके बाद दोबारा कभी भी राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाए।
पठान ने किंग्स इलेवन पंजाब, दिल्ली डेयरडेविल्स (अब कैपिटल), चेन्नई सुपर किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद, राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स, और गुजरात लायंस जैसी विभिन्न आईपीएल टीम का प्रतिनिधित्व किया है। पठान के नाम अपने क्रिकेट करियर के शुरुआती 1059 दिनों में 1000 एकदिवसीय रन और 100 एकदिवसीय विकेट लेने का दिलचस्प विश्व रिकॉर्ड भी दर्ज है।
फिलहाल, इरफान पठान रणजी ट्रॉफी में जम्मू-कश्मीर के लिए खेल रहे हैं।
#7. हरभजन सिंह
हरभजन सिंह भारत के लिए खेलने वाले सबसे महान ऑफ स्पिनरों में से एक रहे हैं। टर्बनेटर के नाम से मशहूर हरभजन ने 17 अप्रैल 1998 को अंतरष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पर्दापण किया था।
दाएं हाथ के ऑफ ब्रेक गेंदबाज ने 236 एकदिवसीय मैचों में 4.31 की शानदार इकोनॉमी रेट से 269 विकेट चटकाए हैं। भज्जी ने भारतीय टीम के लिए अपना आखिरी वनडे मैच 25 अक्टूबर 2015 को खेला था। गेंद के अलावा उन्होंने बल्ले से भी प्रभावशाली प्रदर्शन किया है और अपने वनडे करियर में 1237 रन बनाए हैं।
जालंधर में जन्मे इस खिलाड़ी ने 10 साल तक आईपीएल में मुंबई इंडियंस की तरफ से खेला और फिर आईपीएल सीज़न 2018 में उन्हें चेन्नई सुपर किंग्स ने अपनी टीम में चुना। अगले आईपीएल के लिए भी चेन्नई ने उन्हें टीम में बरकरार रखा है।
आईपीएल में खेलने के अलावा, हरभजन नियमित रूप से क्रिकेट पर आधारित विभिन्न प्री-मैच टॉक शोज़ में भाग लेते देखे जा सकते हैं और ट्विटर के माध्यम से भी क्रिकेट पर अपनी राय देते हैं।
#8. ज़हीर खान
जहीर खान टेस्ट क्रिकेट में भारत के दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं। वह अपने सटीक यॉर्कर्स के लिए बेहद लोकप्रिय थे और अपने सर्वश्रेष्ठ दौर में उन्होंने भारतीय टीम को अपनी गेंदबाज़ी से की मैच जिताए हैं।
महाराष्ट्र में जन्मे इस खिलाड़ी ने 3 अक्टूबर 2000 को अपने वनडे करियर की शुरुआत की और अपने करियर में 200 एकदिवसीय मैच खेले। उनके पास शानदार गेंदबाजी रिकॉर्ड है और उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर में 4.93 की इकॉनमी रेट से 282 विकेट लिए हैं। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज ने 4 अगस्त 2012 को अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला था।
जब उमेश यादव और मोहम्मद शमी जैसे युवा खिलाड़ी चयनकर्ताओं के लिए पहली पसंद बन गए, तो ज़हीर ने 2015 में क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। उन्होंने आईपीएल में मुंबई इंडियंस, आरसीबी और दिल्ली डेयरडेविल्स का प्रतिनिधित्व किया है। 40 वर्षीय खिलाड़ी, वर्तमान में एक मुंबई इंडियंस के गेंदबाजी सलाहकार हैं।
#9. प्रज्ञान ओझा
भुवनेश्वर में जन्मे प्रज्ञान ओझा भारतीय टीम में कभी भी अपने पूरे कौशल के साथ प्रदर्शन नहीं कर सके। बाएं हाथ के ऑर्थोडॉक्स गेंदबाज ने अपनी क्रिकेट करियर में सिर्फ 18 एकदिवसीय मैच खेले और 4.47 की इकॉनमी रेट के साथ 21 विकेट लिए।
32 वर्षीय स्पिनर ने भारतीय टीम की ओर से 34 टेस्ट मैच भी खेले हैं। इसके अलावा वह आईपीएल में डेक्कन चार्जर्स और मुंबई इंडियंस जैसी टीमों का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
दिसंबर 2014 में, ओझा के गेंदबाज़ी एक्शन को अवैध पाया गया जिसके बाद उनके अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने पर रोक लग गई। हालांकि, जनवरी 2015 में परीक्षण पास करने के बाद, ओझा को एक बार फिर से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने की इजाज़त मिल गई।
32 वर्षीय गेंदबाज़ वर्तमान में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में बिहार के लिए खेलते हैं और राष्ट्रीय टीम में वापसी के लिए प्रयासरत हैं। ओझा ने 24 जुलाई 2012 को भारत के लिए अपना आखिरी एकदिवसीय मैच खेला था।
#10. मुनाफ पटेल
35 वर्षीय मुनाफ पटेल कभी भारतीय टीम के तेज़ गेंदबाज़ी आक्रमण का मुख्य हिस्सा थे। गुजरात में जन्मे इस खिलाड़ी ने 3 अप्रैल, 2006 को भारत के लिए अपना अंतर्राष्ट्रीय करियर शुरू किया और 70 एकदिवसीय मैच खेले।
पटेल ने अपने एकदिवसीय करियर में 4.95 की अच्छी इकॉनमी रेट से 86 विकेट चटकाए। भारत के लिए उन्होंने अपना आखिरी वनडे 16 सितंबर, 2011 को इंग्लैंड के खिलाफ खेला था।
भारतीय तेज गेंदबाज आईपीएल में राजस्थान रॉयल्स, मुंबई इंडियंस और गुजरात लायंस के लिए खेल चुके हैं। उन्हें 2011 के विश्व कप के दौरान उनके शानदार प्रदर्शन के लिए याद किया जाता है, जिसमें उन्होंने 8 मैचों में 11 विकेट लिए थे और भारत को दूसरी बार विश्व विजेता बनाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
अनुभवी पेसर ने नवंबर 2018 में क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। वर्तमान में वह क्रिकेट को छोड़ कर किसी और व्यवसाय में हाथ आज़माने की कोशिश कर रहे हैं।