पूर्व भारतीय स्पिनर प्रज्ञान ओझा (Pragyan Ojha) ने इयोन मॉर्गन (Eoin Morgan) की कप्तानी की कड़ी आलोचना की और दो बड़ी गलतियां गिनाई, जिससे कोलकाता नाइटराइडर्स (Kolkata Knight Riders) को आईपीएल 2020 में गुरुवार की रात दुबई में चेन्नई सुपरकिंग्स के हाथों 6 विकेट की शिकस्त झेलनी पड़ी। प्रज्ञान ओझा ने मॉर्गन और केकेआर के रिंकू सिंह को चौथे नंबर पर भेजने के फैसले पर आपत्ति जताई और नितिश राणा से पारी का 10वां ओवर कराने को हार का कारण बताया।
रिंकू सिंह कप्तान इयोन मॉर्गन से पहले चौथे क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे, लेकिन रन बनाने में सफल नहीं रहे। वो 11 गेंदों में 11 रन बना सके। वहीं नितिश राणा ने सीएसके की पारी में 10वां ओवर डाला और 16 रन खर्च किए। प्रज्ञान ओझा का मानना है कि इन दो गलतियों के कारण मुकाबला चेन्नई सुपरकिंग्स के पक्ष में चला गया।
प्रज्ञान ओझा का बयान
ओझा ने कहा, 'जब आपके पास इयोन मॉर्गन, दिनेश कार्तिक और राहुल त्रिपाठी जैसे बल्लेबाज हैं, जो नियमित टीम का हिस्सा हैं। तो फिर बाहर बैठने वाले रिंकू सिंह को पहले मैच में नंबर-4 पर भेजने का फैसला क्यों लिया, जिन्होंने 11 गेंदें खेली। अगर आप उन 11 गेंदों को इन तीन बल्लेबाजों के बीच बाटते तो कम से कम 15-20 रन मिलते। और यही रन केकेआर को भारी पड़े। एक और गलती रही नितिश राणा की गेंदबाजी। नितिश राणा को गेंदबाजी देने की जरूरत ही नहीं थी। उन्होंने 1 ओवर में 16 रन लुटा दिए। आप पहले ही 15-20 रन कम बनाकर चल रहे हो और आप दाएं हाथ के बल्लेबाजों रुतुराज गायकवाड़ और अंबाती रायुडू के सामने ऑफ स्पिनर को लगा रहे हो। आपको नहीं लगता कि वो आप पर प्रहार करेंगे?'
ओझा ने स्पोर्ट्स टुडे से बातचीत में कहा, 'जब आप टूर्नामेंट के अंतिम चरण में पहुंच रहे हो और प्लेऑफ में आपकी जगह दांव पर लगी है तो आप यह नहीं सोच सकते कि कौन ओपनिंग करेगा, कौन नंबर-4 पर जाएगा, यह सब पहले से ही तय होता है। नतीजा तो देखिए। केकेआर बहुत अच्छी स्थिति में था, लेकिन उन दो फैसलों ने पूरा मैच बदल दिया।' चेन्नई सुपरकिंग्स ने रुतुराज गायकवाड़ (72) और रवींद्र जडेजा की उम्दा पारियों की बदौलत 173 रन का लक्ष्य हासिल किया और सांत्वनाभरी जीत दर्ज की।
हालांकि, कोलकाता नाइटराइडर्स के लिए यह हार भारी पड़ी। वो अंक तालिका में पांचवें स्थान पर खिसक गई है। केकेआर को अब बचे हुए मैच बड़े अंतर से जीतना होंगे और अन्य टीमों पर भी निर्भर रहना होगा। अब उनके प्लेऑफ में पहुंचने की उम्मीदें कम हो चुकी हैं।