भारतीय टीम के पूर्व बाएं हाथ के स्पिनर प्रज्ञान ओझा का मानना है कि उन्हें नहीं पता कि अपने आखिरी टेस्ट में 10 विकेट लेने के बाद दोबारा भारत के लिए क्यों नहीं खेल पाए। प्रज्ञान ओझा नवंबर 2013 में आखिरी बार भारत के लिए मुंबई में खेले थे। इसके बाद उन्हें कभी भारत के लिए खेलने का मौका नहीं मिला। उनको लगा कि जडेजा का प्रभाव भी उनके करियर के ऊपर पड़ा है।
प्रज्ञान ओझा ने स्पोर्ट्स तक के साथ खास बातचीत में कहा,
"ऐसी चीजें होती है, जिन्हें समझा नहीं जा सकता है। मैंने इसके बारे में कई बार सोचा है। मैं एलीट ग्रुप में खेलना चाहता था, इसी वजह से मैंने बंगाल की तरफ से खेलने का फैसला लिया। जब आप वापसी करना चाहते हैं, तो एलीट क्रिकेट खेलनी होगी। मेरे पास कोई और विकल्प नहीं था, मुझे अपा घरेलू स्टेट को छोड़कर दूसरी जगह खेलना पड़ा। मैं सौरव गांगुली का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, मैंने बंगाल के लिए अच्छा, लेकिन मुझे नहीं पता कि क्या गलत हुआ।"
प्रज्ञान ओझा ने यह भी कहा कि रविंद्र जडेजा के टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन का प्रभाव भी उनके करियर पर पड़ा। वो टीम में एक ऑलराउंडर और वर्ल्ड क्लास फील्डर के तौर पर आए थे। वो बल्ले के साथ भी योगदान देते हैं। इसी वजह से वो शायद पीछे रह गए।
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आपको बता दें कि भारत और वेस्टइंडीज के बीत 14-18 नवंबर तक मुंबई में दूसरा टेस्ट खेला गया था। यह सचिन तेंदुलकर का आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला भी था। इस मैच में प्रज्ञान ओझा ने 10 विकेट लिए थे औऱ वो प्लेयर ऑफ द मैच भी रहे थे।
हालांकि वो इसके बाद कभी भी भारत के लिए नहीं खेल पाए और उन्होंने इसी साल अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया।