टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एम एस धोनी (MS Dhoni) को लेकर दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ashwin) ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि एम एस धोनी एक ऐसे कप्तान थे, जो हर एक खिलाड़ी को अपनी बात रखने और अपनी राय देने का मौका देते थे। हालांकि अश्विन का ये भी कहना है कि धोनी सुनते सबकी थे लेकिन करते अपने मन की ही थे।
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एम एस धोनी ने अपने करियर में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की और भारतीय टीम को नए मुकाम तक पहुंचाया। एम एस धोनी की अगर बात करें तो वो दुनिया के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीती। टीम ने सबसे पहले धोनी की कप्तानी में 2007 में टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। इसके बाद 2011 में वनडे वर्ल्ड कप का टाइटल अपने नाम किया और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम की। धोनी ने बेहतरीन कप्तानी के अलावा कई मैचों में अपनी बैटिंग के दम पर भारतीय टीम को जीत दिलाई।
एम एस धोनी सबको अपनी बात कहने का मौका देते थे - रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन की अगर बात करें तो उन्होंने ना केवल इंडियन टीम में एम एस धोनी की कप्तानी में खेला, बल्कि सीएसके में भी वो धोनी की कप्तानी में खेले। एम एस धोनी की कप्तानी के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा,
एम एस धोनी एक ऐसे इंसान थे, जिन्होंने कभी भी किसी को कुछ कहने से नहीं रोका। उन्होंने हर किसी की राय का स्वागत किया। हालांकि उस बात पर अमल किया या नहीं, ये एक अलग चीज है। वो ड्रेसिंग रूम में हर किसी को अपनी बात रखने की इजाजत देते थे। हालांकि जब वो कुछ करना चाहते थे, तो वो हमेशा उनका अपना फैसला होता था। एक कंप्यूटर की तरह उन्हें टीम के हर एक खिलाड़ी के स्ट्रेंथ और वीकनेस के बारे में काफी अच्छी तरह से पता था।