भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ ने 2003 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड टेस्ट मैच में 233 रनों की जबरदस्त पारी खेली थी। उनकी इस पारी को ऑस्ट्रेलियाई धरती पर 2000 से लेकर अब तक तीसरी सबसे बेस्ट टेस्ट पारी करार दिया गया है। ऑस्ट्रेलियाई टीम की वेबसाइट cricket.com.au ने राहुल द्रविड़ की उस ऐतिहासिक पारी को तीसरे पायदान पर रखा है।
cricket.com.au ने 2000 से लेकर अब तक ऑस्ट्रेलिया में खेली गई 20 सबसे बेहतरीन टेस्ट पारियों का चयन किया है। इन पारियों को जज करने के लिए cricket.com.au की टीम ने बॉलिंग अटैक की क्वालिटी, कंडीशन्स, स्ट्राइक रेट, कितने देर की पारी थी, मैच में क्या हालात थे और टीम टोटल में उन रनों का क्या पर्सेंटेज था आदि को पैमाना बनाया।
राहुल द्रविड़ ने विपरीत परिस्थितियों में लगाया था दोहरा शतक
राहुल द्रविड़ ने वो दोहरा शतक ऐसे समय में लगाया था जब टीम को इसकी सख्त जरुरत थी। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए रिकी पोंटिंग के जबरदस्त 242 रनों की बदौलत 556 रनों का विशाल स्कोर बनाया था। जवाब में भारतीय टीम ने 85 रन तक 4 विकेट गंवा दिए। सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग जैसे बल्लेबाज पवेलियन में थे। ऐसे में एक बार फिर से राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण की जोड़ी ने मोर्चा संभाला। इन दोनों बल्लेबाजों ने पांचवे विकेट के लिए 303 रनों की मैराथन साझेदारी की।
वीवीएस लक्ष्मण 148 रनों की पारी खेलकर आउट हो गए लेकिन राहुल द्रविड़ एक छोर पर डटे रहे। द्रविड़ ने अजित अगरकर, पार्थिव पटेल, इरफान पठान और अनिल कुंबले के साथ मिलकर भारतीय पारी को 523 के स्कोर तक पहुंचा दिया। वो आखिरी विकेट के रूप में आउट हुए और 233 रनों की पारी खेली।
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अपनी इस पारी के दौरान राहुल द्रविड़ ने 446 गेंदों का सामना किया और 594 मिनट तक क्रीज पर रहे। द्रविड़ की इस पारी के दौरान उनके सयंम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने इन 233 रनों के दौरान सिर्फ 23 चौके और 1 छक्का लगाया।
राहुल द्रविड़ की इस पारी की बदौलत भारतीय टीम ने मैच में वापसी की और दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलियाई टीम सिर्फ 196 रन पर सिमट गई और भारतीय टीम ने 230 रनों का टार्गेट हासिल कर मैच अपने नाम किया। द्रविड़ दूसरी पारी में भी टीम की दीवार बन गए और 72 रन बनाकर नाबाद रहे।