चेतेश्वर पुजारा के लिए गुरुवार को दिन बेहद खास रहा। ये दिन न केवल पुजारा बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिहाज से भी बेहद खास बन गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज के पहले मैच के शुरुआती दिन उन्होंने शानदार शतक जमाकर भारतीय टीम को शर्मसार होने से बचा लिया। जब सभी भारतीय बल्लेबाज एक के बाद एक लड़खड़ाते दिख रहे थे तब पुजारा मजबूती से डटकर मैदान में विरोधियों को मुंह तोड़ जवाब दे रहे थे।
पुजारा ने टीम की आवश्यकता के अनुसार 380 मिनट क्रीज पर बिताए। इस दौरान कई स्टार बल्लेबाज मैदान पर आते रहे और जाते रहे लेकिन पुजारा खूटा गाड़कर बल्लेबाजी करते रहे। उनकी बल्लेबाजी की खास बात रही उनका मजबूत डिफेंस और तेज पिच पर निडरता से खेलने का उनका हौंसला। चूंकि वे अपनी टीम के लिए खेल रहे थे इसलिए उन्होंने 182 गेंदों को धैर्य के साथ छोड़ना उचित समझा।
पुजारा ने 123 रनों की पारी में 246 गेंदों का सामना किया। इस पारी में उन्होंने बड़े शॉट्स पर ज्यादा ध्यान न देकर दौड़कर रन बनाने पर ही फोकस किया। अपनी पारी में वे 30 बार एक रन के लिए दौड़े, 22 बार दो रन के लिए और 3 बार तीन रन के लिए दौड़े। इसके अलावा उन्होंने 7 चौके जमाए और स्वभाव के विपरित इस पारी में 2 छक्के भी जड़ दिए। पुजारा की पारी की उपयोगिता का अंदाजा इसी बात से हो जाता है कि टीम के कुल स्कोर 250 में से लगभग आधे रन उन्हीं के बल्ले से निकले।
वैसे ये सब इस बल्लेबाज की दुर्भाग्य ही है कि इतनी मजबूत तकनीक होने के बावजूद इसे सीमित ओवर क्रिकेट में खेलने के लायक नहीं समझा जाता। ना चयन समिति की नजरें इस बल्लेबाज पर इनायत होती है और ना ही आईपीएल में किसी फ्रेंचाइजी की। खैर इतनी सब विषमताओं के बीच भी यह चैम्पियन बल्लेबाज टीम के लिए अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन बखूबी के साथ पूरा कर रहा है।
वैसे पुजारा की इस पारी को देखकर एक शख्स की याद ताजा हो गई। उस शख्स को दुनिया 'दीवार' के नाम से जानती है और जिनका असली नाम है राहुल द्रविड़। आप सोच रहे होंगे की बात चेतेश्वर पुजारा की हो रही है और इसमें राहुल द्रविड़ कहां से आ गए। इसका जवाब भी कुछ खास है।
दरअसल चेतेश्वर पुजारा और राहुल द्रविड़ में बहुत सी समानताएं हैं। ये तो सभी जानते हैं कि दोनों तीन नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं। दोनों ही टीम के भरोसेमंद बल्लेबाज होने का सम्मान रखते हैं। लेकिन इसके अलावा भी बहुत कुछ है जो इन दोनों बल्लेबाजों को आपस में जोड़ता है। वो है दोनों के कुछ रोचक कीर्तिमान। गुरुवार को पुजारा ने अपने 65वें टेस्ट मैच की 108वीं पारी में 5000 रन का आंकड़ा पार किया। ऐसा करने वाले वे भारत के 11वें बल्लेबाज बन गए।
अब आपको जानकर हैरानी होगी कि राहुल द्रविड़ ने भी अपने टेस्ट करियर की 108वीं पारी में ही 5000 रन का आंकड़ा छुआ था। बात यहीं खत्म नहीं होती। इन दोनों बल्लेबाजों में कुछ कनेक्शन और है। राहुल द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर के 4000 रन 84वीं पारी में पूरे किए थे। हैरानी की बात है कि पुजारा ने भी अपने टेस्ट करियर के 4000 रन पूरे करने के लिए 84 पारियां ही खेलीं। इसके अलावा द्रविड़ ने अपने टेस्ट करियर में 3000 रन का आंकड़ा छुआ तब वे 67वीं पारी खेल रहे थे। यहां भी हैरानी की बात है कि पुजारा ने भी 67वीं पारी में ही अपने 3000 टेस्ट रन पूरे किए थे।
कहते हैं इतिहास अपने आम को दोहराता है। इन दोनों दिग्गज बल्लेबाजों के इस रोचक कनेक्शन और संयोग को देखकर एक बार फिर इस बात पर मुहर लग गई।
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