पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व खिलाड़ी रमीज राजा (Ramiz Raza) ने श्रीलंका एक खिलाफ तीसरे एकदिवसीय मैच में भारत की हार के बाद बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत ने पांच खिलाड़ियों को डेब्यू कराया और हार से कोच राहुल द्रविड़ को फर्क नहीं पड़ता। टीम इंडिया के लिए संजू सैमसन, नितीश राणा, चेतन सकारिया, राहुल चाहर और कृष्णप्पा गौतम को पहली बार खेलने का मौका मिला था।
रमीज राजा का कहना है कि तीसरे वनडे के लिए 5 खिलाड़ियों को डेब्यू कराया गया जो बहुत अच्छी बात है। प्रबंधन द्वारा लिया गया यह एक अच्छा निर्णय था। हालाँकि वे पहले ही सीरीज़ जीत चुके हैं, लेकिन एशिया में ऐसी बहुत सी टीमें नहीं हैं जो इस तरह की मानसिकता के साथ मैदान में उतरें।
उन्होंने आगे कहा कि सीरीज जीतने के बाद भी कई टीमें अपने खिलाड़ियों का चयन रिजर्व मैनर में करती हैं। नई प्रतिभाओं का परिचय कराने के लिए उनका दृष्टिकोण डर का होता है। जब राहुल द्रविड़ आस-पास होते हैं, तो आपको ऐसी चीजों की उम्मीद नहीं होगी। इसका कारण यही है कि उनकी मानसिकता पूरी तरह से अलग है। एक हार या जीत उन्हें ज्यादा परेशान नहीं करती है। हो सकता है कि उन्हें सीरीज पर कब्जा जमाने के बाद बेंच स्ट्रेंथ को परखने का निर्देश मिला हो। ताकि भारतीय क्रिकेट का कैनवास बड़ा हो और नए खिलाड़ियों को पेश किया जा सके, जो आगे देश की सेवा कर सके।
भारतीय टीम के लिए जिन पांच खिलाड़ियों ने डेब्यू किया उनमें से तीन का प्रदर्शन बेहतरीन रहा था। बैटिंग में संजू सैमसन ने बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए 46 रन बनाए। आक्रमण करने के प्रयास में वह आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद गेंदबाजी में राहुल चाहर और चेतन सकारिया ने 3-3 सफलताएँ अर्जित की। इन दोनों ने अपना काम बखूबी किया। नितीश राणा और कृष्णप्पा गौतम प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।
श्रीलंकाई टीम को बारिश से प्रभावित मैच में 227 रनों का लक्ष्य मिला था जिसे उन्होंने 39 ओवरों में 7 विकेट के नुकसान पर हासिल कर लिया। श्रीलंका ने इस जीत के साथ एक राहत की सांस ली और सीरीज में अपनी साख भी बचाई।