भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर चौथी बार आईसीसी अंडर-19 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया। इसके बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने खिलाड़ियों पर पैसों की बारिश कर दी। बीसीसीआई ने हर खिलाड़ी को 30 लाख, सपोर्ट स्टाफ को 20 लाख और कोच राहुल द्रविड़ के लिए सबसे ज्यादा 50 लाख रुपए के ईनाम का ऐलान किया। राहुल द्रविड़ को सबसे ज्यादा पैसे इसलिए दिए गए क्योंकि इस जीत में उनका योगदान सबसे अहम माना जा रहा है। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि राहुल द्रविड़ की शानदार कोचिंग की वजह से ही ऐसा संभव हो पाया है। यही वजह रही कि बीसीसीआई ने उनके लिए सबसे ज्यादा रकम का ऐलान किया लेकिन अब खुद राहुल द्रविड़ ने ही इस पर सवाल उठा दिया है। उनका कहना है कि अन्य सपोर्ट स्टाफ ने भी उनके जितना ही मेहनत किया है इसलिए सिर्फ उनको ज्यादा पैसा मिलना सही नहीं है। सूत्रों के मुताबिक द्रविड़ इस बात से खुश नहीं हैं कि उनके अन्य सपोर्ट स्टाफ को कम पैसा मिल रहा है और उन्हें ज्यादा। सूत्रों के मुताबिक द्रविड़ ने अनुरोध किया है कि सभी सदस्यों को बराबर ईनाम दिया जाए क्योंकि टीम को चैंपियन बनाने में सबने उतनी ही मेहनत की है। द्रविड़ का कहना है कि सभी सपोर्ट स्टाफ ने एक टीम के रूप में काम किया है और सबको मेहनत का फल उतना ही मिलना चाहिए। गौरतलब है मुख्य कोच राहुल द्रविड़ के अलावा टीम के अन्य सपोर्ट स्टाफ में गेंदबाजी कोच पारस म्हाब्रे, फील्डिंग कोच अभय शर्मा, फिजियोथेरैपिस्ट योगेश परमार, ट्रेनर आनंद दाते और वीडियो एनालिस्ट देवराज राउत थे। इसे भी पढ़ें: इंग्लैंड क्रिकेट टीम विश्व कप 2019 की सबसे बड़ी दावेदार: ग्लेन मैक्ग्रा वर्ल्ड कप जीतने के तुरंत बाद भी राहुल द्रविड़ ने ये कहा था कि उन्हें टीम की जीत का श्रेय कुछ ज्यादा ही दिया जा रहा है। उन्होंने कहा था कि ये पूरी टीम की मेहनत का नतीजा है और सिर्फ उनको ही इसका क्रेडिट नहीं मिलना चाहिए। अपने क्रिकेट करियर से ही लेकर द्रविड़ काफी सभ्य स्वभाव वाले इंसान रहे हैं। क्रिकेट के मैदान पर भले ही उन्होंने कितने बड़े कारनामे किए हों लेकिन वो हमेशा क्रेडिट लेने से बचते रहे और अब कोच बनने के बाद भी वो इसी तरह का बड़प्पन दिखा रहे हैं।