भारतीय टीम (Team India) के हेड कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने बीसीसीआई (BCCI) की नई "टेस्ट क्रिकेट इंसेंटिव स्कीम" पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह खेल के सबसे लंबे प्रारूप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों के लिए एक अच्छा इनाम है। द्रविड़ ने जोर देते हुए कहा कि टी20 क्रिकेट के युग में भी टेस्ट क्रिकेट ज्यादा रोमांच पैदा करता है। इसलिए इस स्कीम को भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट खेलने के प्रोत्साहन के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए।
धर्मशाला टेस्ट के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने भारत के पुरुष टेस्ट टीम के खिलाड़ियों के बीच टेस्ट क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए इस स्कीम की घोषणा की। इस स्कीम के तहत खिलाड़ियों को टेस्ट खेलने पर मैच फीस के अलावा अतिरिक्त पैसे मिलेंगे। हालाँकि, यह राशि खिलाड़ियों को कुछ नियमों के तहत मिलेगी।
बोर्ड की स्कीम पर द्रविड़ ने अपनी बात रखते हुए कहा,
मुझे उम्मीद है कि टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए प्रोत्साहन के तौर पर पैसे नहीं दिए जाएंगे। यह इस बात को पहचानने में एक कदम है कि टेस्ट क्रिकेट कितना कठिन प्रारूप है। टेस्ट क्रिकेट खेलना इतना आसान नहीं है। क्या हम 100 टी20 मैच खेलने के बाद वैसा ही जश्न मनाते हैं, जैसा हम 100 टेस्ट मैच खेलने के बाद मनाते हैं? यह प्रोत्साहन भत्ता नहीं बल्कि इनाम है।
गौरतलब हो कि पिछले कुछ समय में देखने को मिला है कि खिलाड़ियों ने फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने के लिए रेड बॉल क्रिकेट से दूरी बनाते नजर आये। इसी वजह से श्रेयस अय्यर और इशान किशन को बीसीसीआई के केंद्रीय अनुबंध में जगह नहीं मिली थी।
वहीं, बीसीसीआई सचिव ने केंद्रीय अनुबंध में शामिल खिलाड़ियों को निरंतर टेस्ट क्रिकेट खेलने का आग्रह किया था। इसके साथ खिलाड़ियों को अपनी राज्य टीम के साथ जुड़ने के लिए कड़े शब्दों में पत्र भी भेजा गया था।