भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत (Rishabh Pant) को आक्रामक एप्रोच के कारण टेस्ट फॉर्मेट में जबरदस्त सफलता मिली है। इसी वजह से विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा का मानना है कि टीम मैनेजमेंट को पंत को टेस्ट में आक्रामक खेलने के लिए बढ़ावा देना चाहिए और उन्हें जिम्मेदारी से खलेने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
बाएं हाथ के बल्लेबाज का पिछले कुछ महीनों में सफ़ेद गेंद की क्रिकेट में उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं रहा है लेकिन जैसे ही उन्हें बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट में मौका मिला, उन्होंने 45 गेंदों में 46 रनों की तेजतर्रार पारी खेली। अपनी पारी में पंत ने छह चौके और दो छक्के लगाए थे।
इंडिया न्यूज़ पर राजकुमार शर्मा ने भारतीय टेस्ट टीम में ऋषभ पंत की भूमिका को लेकर कहा,
जब ऋषभ पंत के शॉट्स निकलते हैं तो लोग उन्हें मैच विनर कहते हैं। लेकिन जब वह बाउंड्री के अंदर एक-दो फीट अंदर कैच आउट हो जाते हैं तो लोग उन्हें गैर जिम्मेदार कहते हैं। मुझे लगता है कि जब आपके पास ऐसा स्ट्रोक लगाने वाला खिलाड़ी होता है, तो आपको मौका लेना चाहिए और उसे अपना स्वाभाविक खेल खेलने देना चाहिए। उसे जिम्मेदारी से खेलने के लिए मजबूर करने का कोई मतलब नहीं है। मुझे उम्मीद है कि वह अधिक कैलकुलेटेड जोखिम उठाएगा क्योंकि वह अब टीम में एक वरिष्ठ खिलाड़ी हैं।
टेस्ट फॉर्मेट में ऋषभ पंत के आंकड़े हैं जबरदस्त
2018 में अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले ऋषभ पंत चार साल में ही भारत के लाल गेंद के फॉर्मेट में मैच विनर बन चुके हैं। इस फॉर्मेट में उनके आंकड़े लाजवाब हैं और विदेशों में कई बेहतरीन पारियां भी खेली हैं। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 32 टेस्ट मैचों की 64 पारियों में 43.38 के औसत से 2169 रन बनाये हैं। उनके नाम पांच शतक और 10 अर्धशतक दर्ज हैं।