भारत का सबसे प्रमुख डोमेस्टिक फर्स्ट क्लास टूर्नामेंट रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) इस साल नहीं खेला जाएगा। बीसीसीआई ने फैसला लिया है कि इस बार रणजी ट्रॉफी का आयोजन करना संभव नहीं है। 87 साल में ये पहली बार है जब रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं होगा। हालांकि बोर्ड ने फैसला लिया है कि सीनियर मेंस, वुमेंस और अंडर-19 वनडे टूर्नामेंट का आयोजन जरुर होगा।
कोरोना वायरस की वजह से इस बार भारत के डोमेस्टिक सीजन की शुरुआत काफी देरी से हुई।आईपीएल की वजह से सबसे पहले 10 जनवरी से सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी का आयोजन कराया गया। समय नहीं होने की वजह से बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने ऐलान किया है कि रणजी ट्रॉफी का आयोजन नहीं होगा। इसकी जगह पर तीन वनडे टूर्नामेंट होंगे। उन्होंने स्टेट एसोसिएशंस को लिखे अपने लेटर में कहा,
मुझे आपको ये बताते हुए खुशी हो रही है कि हम सीनियर वुमेंस वनडे टूर्नामेंट, विजय हजारे ट्रॉफी और अंडर-19 क्रिकेटर्स के लिए वीनू मांकड़ ट्रॉफी का आयोजन करने जा रहे हैं। डोमेस्टिक सीजन 2020-21 को लेकर मिले फीडबैक के बाद ये फैसला लिया गया है। जैसा कि आप सबको पता ही है कि कोरोना वायरस की वजह से काफी सारा समय बर्बाद हो चुका है। ऐसे में क्रिकेट कैलेंडर को बनाने और पूरी सेफ्टी के साथ मैचों के आयोजन में काफी मुश्किलें आ रही हैं।
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रणजी ट्रॉफी कैंसिल होने पर खिलाड़ियों को मिलेगा मुआवजा
माना ये जा रहा है कि सैय्यद मुश्ताक अली ट्रॉफी में जिस तरह बायो-बबल का प्रयोग किया गया, वैसे ही विजय हजारे ट्रॉफी में भी होगा। रणजी ट्रॉफी में खेलने वाले खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा 1.5 लाख की फीस मिलती है, ऐसे में ये फैसला भी लिया गया था कि बीसीसीआई इन खिलाड़ियों को होने वाले नुकसान का मुआवजा देगी।
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