टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और क्रिकेट सलाहकार समिति के अहम सदस्य सौरव गांगुली और रवि शास्त्री के बीच जारी विवाद ख़त्म होने का नाम नहीं ले रहा। इसकी शुरुआत रवि शास्त्री ने ये कहते हुए की थी कि दादा उनके इंटरव्यू के दौरान नदारद थे। जिसके बाद बीसीसीआई की तरफ़ से भी जवाब आया था कि सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ की बैठक में व्यस्त थे, और फिर दादा ख़ुद मीडिया के सामने आए थे और उन्होंने रवि शास्त्री के बयानों पर आपत्ति जताते हुए ये भी कहा था उन्हें इंरव्यू के दौरान विदेश में नहीं बल्कि यहां होना चाहिए था। अब इस विवाद को एक बार फिर टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर रवि शास्त्री ने बढ़ा दिया है, अंग्रेज़ी अख़बार के साथ बातचीत में रवि शास्त्री ने कहा, "मुझे बीसीसीआई की तरफ़ से 19 जून को ये बताया गया कि 21 जून को इंटरव्यू निर्धारित है, और मैं 15 जून को ही थाइलैंड के लिए भारत से रवाना हो चुका था। और उस वक़्त किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि इंटरव्यू कब और कहां होना है। और उनके मेल भी यही लिखा था कि आप स्काइप के ज़रिए वीडियो कॉल पर उपलब्ध रह सकते हैं।" मेरे अलावा ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी के साथ साथ दूसरे उम्मीदवारों ने भी वीडियो कॉल के ही ज़रिए इंटरव्यू दिया था, इससे क्या फ़र्क पड़ता है आज आधी दुनिया वीडियो कॉन्फ़्रेसिंग के ज़रिए ही एक दूसरे बातचीत करती है। मैं फिर कहूंगा कि कम से कम जो क्रिकेट सलाहकार समिति में हैं, उन्हें इंटरव्यू के दौरान उपस्थित रहना चाहिए था।" : रवि शास्त्री शास्त्री का ये बयान इस विवाद को कम करने की जगह बढ़ाएगा ही, इससे पहले 1992 में ऑस्ट्रेलियाई सीरीज़ के दौरान ये दोनों सुर्खियों में रहे थे। लेकिन वजह अलग थी, गांगुली ने जहां अपने साथियों के लिए पानी की बोतल ले जाने से इंकार कर दिया था, तो शास्त्री ने दोहरा शतक जड़ा था।