भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान एम एस धोनी (MS Dhoni) को लेकर टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने एम एस धोनी की एक बड़ी खासियत बताई है जिसकी वजह से वो आईसीसी की तीन ट्रॉफी जीतने में कामयाब रहे। अश्विन के मुताबिक एम एस धोनी टीम में ज्यादा बदलाव नहीं करते थे और उनके खिलाड़ी फिक्स होते थे। उनकी कप्तानी में प्लेयर्स के अंदर टीम से ड्रॉप होने का डर नहीं रहता था और इसी वजह से वो इतने सफल थे।
रविचंद्रन अश्विन की अगर बात करें तो उन्होंने एम एस धोनी की कप्तानी में कई सालों तक इंडियन टीम के लिए खेला। धोनी की कप्तानी में वो 2011 वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान टीम का हिस्सा थे। इसके अलावा आईपीएल में भी कई सीजन तक वो चेन्नई सुपर किंग्स टीम का हिस्सा रहे थे।
एम एस धोनी अपने खिलाड़ियों को पूरा मौका देते थे - अश्विन
अश्विन के मुताबिक धोनी की कप्तानी में खिलाड़ी खुद को असुरक्षित नहीं महसूस करते थे। उन्होंने कहा,
एम एस धोनी की लीडरशिप के बारे में काफी बात हो रही है। एम एस धोनी ऐसा क्या अलग करते थे ? उन्होंने चीजों को बहुत सिंपल रखा। जब मैं एम एस धोनी की कप्तानी में खेलता था तो फिर वो 15 खिलाड़ियों की एक टीम चुन लेते थे। उसमें से 11 खिलाड़ी होते थे जो पूरे साल खेलते थे। किसी भी खिलाड़ी के लिए ये सिक्योरिटी काफी जरूरी है।
आपको बता दें कि एम एस धोनी क्रिकेट जगत के एकमात्र ऐसे कप्तान हैं जिन्होंने आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीती है। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम ने 24 सितंबर 2007 को दक्षिण अफ्रीका में हुए पहले टी20 वर्ल्ड कप का खिताब जीता था। उसके बाद 2 अप्रैल 2011 को भारत ने 28 साल क्रिकेट वर्ल्ड कप की ट्रॉफी अपने नाम की थी। वहीं 23 जून 2013 को इंग्लैंड को हराकर भारतीय टीम ने आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जीता था।