3 Indian players who announced their retirement prematurely: भारतीय टीम के ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर एक और खिलाड़ी ने संन्यास की घोषणा कर दी। भारत के कई दिग्गजों ने कंगारू सरजमीं पर संन्यास का ऐलान किया है जिसमें एक नाम आर अश्विन का भी जुड़ गया है। इस दिग्गज खिलाड़ी ने ब्रिस्बेन में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए सीरीज के तीसरे ही मैच के बाद रिटायरमेंट ले लिया।
आर अश्विन ने अचानक ही संन्यास लेकर हर किसी को चौंका दिया। उनके इस तरह से अलविदा कहने की उम्मीद किसी ने नहीं की थी। लेकिन उन्होंने वक्त से पहले संन्यास ले लिया। तो चलिए आपको बताते हैं टीम इंडिया के उन 3 दिग्गज खिलाड़ियों के बारे में जिन्होंने समय से पहले इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
3. राहुल द्रविड़
द वॉल कहे जाने वाले पूर्व दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ भारत के सबसे महान बल्लेबाजों में शुमार रहे हैं। द्रविड़ ने साल 2012 में अपने करियर पर ब्रेक लगा दिया। 2012 में खेले 3 टेस्ट मैच में उनका बल्ला जरूर रूठा रहा, लेकिन इससे पहले 2011 में तो उन्होंने रनों का अंबार लगाते हुए 57.25 की शानदार औसत से 1145 रन बनाए थे। लेकिन 2012 में 3 टेस्ट में ही नाकाम रहने के बाद उन्होंने रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया।
2. सौरव गांगुली
भारत के पूर्व महान कप्तान रहे सौरव गांगुली का बहुत बड़ा कद रहा है। उन्होंने भारतीय क्रिकेट को कई यादगार पल दिए, जिसमें वो बतौर कप्तान और बल्लेबाज छाए रहे। लेकिन गांगुली को समय से पहले ही संन्यास की घोषणा करनी पड़ी। दादा ने साल 2008 में इंटरनेशनल करियर को बाय-बाय कह दिया। उसके ठीक पहले 2007 में गांगुली ने बल्ले से टेस्ट में 61.44 की औसत से रन बनाए। ऐसे में उन्होंने संन्यास लेने में जल्दबाजी कर दी।
1. आर अश्विन
भारतीय क्रिकेट टीम के महान स्पिन गेंदबाज आर अश्विन ने अचानक ही अपने इंटरनेशनल करियर के अलविदा कह दिया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के ब्रिस्बेन में खेले गए तीसरे टेस्ट के बाद अश्विन ने संन्यास लेकर सबको चौंका दिया। आर अश्विन भले ही 38 साल के हो चुके थे लेकिन लगता है कि उन्होंने रिटायरमेंट लेने में जल्दी कर दी। क्योंकि वो कमाल की फॉर्म में चल रहे थे। इस सीरीज से पहले उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज में कमाल का प्रदर्शन किया था। वह सिर्फ न्यूजीलैंड के खिलाफ अच्छा नहीं कर पाए थे, जबकि ऑस्ट्रेलिया में उन्हें मौजूदा सीरीज में सिर्फ एक ही मैच खेलने का मौका मिला। घरेलू सरजमीं पर अभी भी अश्विन खूंखार गेंदबाज के रूप में अच्छा कर सकते थे लेकिन उन्होंने अपने करियर पर विराम लगा दिया।