भारतीय टीम (India Cricket team) के प्रमुख ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) का मानना है कि वनडे क्रिकेट को अपनी प्रासंगिकता खोजने की जरूरत है क्योंकि यह बिना 'उतार और प्रवाह' के टी20 क्रिकेट का विस्तारित प्रारूप बन रहा है।
दुनियाभर में द्विपक्षीय वनडे सीरीज की प्रासंगिकता तेजी से कम हो रही है और पूर्व भारतीय हेड कोच रवि शास्त्री जैसे लोग चाहते हैं कि इस तरह की सीरीज के बजाय ज्यादा फ्रेंचाइजी आधारित टी20 लीग का आयोजन हो।
रविचंद्रन अश्विन ने वॉनी एंड टफर्स क्रिकेट क्लब पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए कहा, 'यह प्रासंगिकता का सवाल है और मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट को इसे खोजने की जरूरत है। इसे अपनी जगह खोजने की जरूरत है।' इस पॉडकास्ट के होस्ट पूर्व इंग्लिश कप्तान माइकल वॉन और बाएं हाथ के स्पिनर फिल टफनेल थे।
भारत के लिए 113 वनडे में 151 विकेट लेने वाले अश्विन ने कहा, 'वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी खूबसूरती उतार और प्रवाह थे। लोग अपना समय निकालकर गहराई तक इसे ले जाते थे। वनडे प्रारूप ऐसा प्रारूप था, जहां गेंदबाज कुछ कह सकते थे।' अश्विन ने स्वीकार किया कि वनडे मैच के दौरान एक समय के बाद उन्होंने अपना टीवी बंद कर दिया था।
35 साल के ऑफ स्पिनर ने कहा, 'क्रिकेट का दीवाना होने के बावजूद एक समय के बाद मैंने टीवी बंद कर दी थी और यह खेल के प्रारूप के लिए काफी भयावह चीज है। जब वो उतार और प्रवाह की कमी रहेगी तो यह क्रिकेट बचेगा ही नहीं। यह टी20 का विस्तारित रूप है।'
मौजूदा समय में वनडे पारी में दो नई गेंदों का उपयोग हो रहा है, लेकिन अश्विन ने जोर दिया कि पुराने प्रारूप की वापसी होनी चाहिए जहां एक गेंद का उपयोग होता था। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से मुकाबला बराबरी का होता है।
अश्विन ने कहा, 'मेरे ख्याल से एक गेंद से काम कारगर होगा और स्पिनर्स अंतिम ओवरों में ज्यादा गेंदबाजी कर सकेंगे। रिवर्स स्विंग की शायद वापसी हो, जो कि खेल के लिए अहम है।'