भारतीय ऑलराउंडर रविंद्र जडेजा (Ravindra Jadeja) को 'सर' के निकनेम से भी जाना जाता है। यह निकनेम उन्हें उनके कुछ बेहतरीन प्रदर्शन की वजह से मिला है। पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी ने भी कई सालों पहले अपने ट्वीट में इस ऑलराउंडर को 'सर जडेजा' कहकर सम्बोधित किया था और तब से उनके इस नाम को और लोकप्रियता मिल गई। हालाँकि, इस बाएं हाथ के ऑलराउंडर को अपना यह निकनेम नहीं पसंद है।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ हालिया इंटरव्यू में जडेजा ने बताया कि वह 'सर' कहे जाने में सहज नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वह जामनगर से हैं और वहां सब उन्हें प्यार से 'बापू' कहकर बुलाते हैं। इसी वजह से वह 'सर' के बजाय 'बापू' कहलाना पसंद करेंगे।
भारतीय ऑलराउंडर ने कहा,
लोगों को मुझे मेरे नाम से बुलाना चाहिए। इतना ही काफी है। मुझे सर कहलाने से नफरत है। आप चाहें तो मुझे बापू कहिए, यही मुझे पसंद है। यह सर-वर, मुझे बिल्कुल पसंद नहीं है। वास्तव में, जब लोग मुझे सर कहते हैं तो यह प्रभावित नहीं करता है। हम एक-दूसरे को सम्मान के साथ संबोधित करते हैं, इसलिए हमेशा 'आप' या 'बापू' कहना चाहिए।
नागपुर टेस्ट में रविंद्र जडेजा ने दिखाया था जबरदस्त ऑलराउंड खेल
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का पहला मैच नागपुर में खेला गया था। इस मुकाबले के माध्यम से रविंद्र जडेजा ने पांच महीने से भी अधिक समय के बाद भारतीय टीम में वापसी की और जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए प्लेयर ऑफ द मैच भी बने। ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के दौरान बाएं हाथ के खिलाड़ी ने अपनी फिरकी का जलवा दिखाया और कंगारू टीम के पांच बल्लेबाजों को पवेलियन लौटाया। इसके बाद, बल्लेबाजी में 70 रनों की अहम पारी खेली और भारत को 400 के स्कोर तक पहुंचाने में अहम रोल निभाया। ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में भी जडेजा ने दो विकेट लिए थे। इस तरह उन्होंने मैच में सात विकेट लिए और 70 रन बनाये। उन्होंने जिस अंदाज में वापसी की, उससे हेड कोच राहुल द्रविड़ भी काफी खुश नजर आये और बीते बुधवार को उन्होंने ऑलराउंडर खिलाड़ी तारीफ भी की थी।