वेस्टइंडीज के साथ चल रही टेस्ट सीरीज के पहले मैच में भारत मजबूत स्थिति में खड़ा नजर आ रहा है। तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक टीम इंडिया ने तीन विकेट के नुकसान पर 260 रनों की बढ़त हासिल कर ली है। रविचंद्रन अश्विन की जगह टीम में लिए गए रविंद्र जडेजा ने मैच के दूसरे दिन मुश्किल वक्त में बेहतरीन बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जमाया था। उन्होंने कहा कि मैं जब बल्लेबाज कर रहा था तो मेरा पूरा ध्यान साझेदारी पर था। मैं अपने खेल को लेकर थोड़ा डरा हुआ था क्योंकि मुझको टीम में खिलाने के बाद कप्तान विराट कोहली पर काफी दबाव बन रहा था। हालांकि, मैं कप्तान की उम्मीदों पर खरा उतरा और उनके विश्वास को जीतने पर सफल रहा।
रविंद्र जडेजा ने कहा कि मैं अपना बेस्ट देने की कोशिश कर रहा था। मेरा ध्यान बस साझेदारी पर था। ऋषभ पंत जब आउट हुए तो मैं इशांत से अपने बीच साझेदारी को कायम करने की बात कर रहा था। हम एक वक्त में एक ओवर के बारे में सोच रहे थे। किसी भी टीम के लिए यह बहुत बुरी बात होती है कि निचले क्रम का बल्लेबाज लगातार रन बनाता रहे। हालांकि, मेरी और इशांत की यही योजना थी। हम दोनों ने मिलकर निचले क्रम में 60 रन जोड़े थे।
बल्लेबाजी के बाद गेंदबाजी में इशांत की तारीफ करते हुए जडेजा ने कहा कि उन्होंने बेहतरीन गेंदबाजी की। हर उस ओवर में भारत मजबूत होता गया, जिसमें वह गेंदबाजी कर रहे थे। उन्होंने अगर दोनों कैच नहीं पकड़े होते तो स्थितियां काफी अलग होतीं। उन दो कैचों से टीम इंडिया ज्यादा मजबूत हुई। जडेजा को कप्तान विराट कोहली की पसंद के तौर पर टीम में शामिल किया गया था लेकिन रविचंद्रन अश्विन को बाहर करने को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे। इस बाबत उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि जब आपका कप्तान आप पर विश्वास करता है और आपको प्रमुख खिलाड़ी के तौर पर देखता है तो इससे काफी प्रोत्साहन मिलता है। हालांकि, मुझ पर अच्छा करने का दबाव था और मैं कप्तान के विश्वास को जीतने में कायम रहा।
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