सितारों से सजी इंडियन प्रीमीयर लीग का 2018 का सीज़न शुरु ही होने वाला है और क्रिकेट प्रशंसक भी इस रोमांचक टूर्नामेंट की शुरुआत का इंतज़ार कर रहे हैं। सर्वकालिक एकादश का चयन कभी भी आसान काम नहीं होता है, क्योंकि चुनने के लिए बहुत सारे बेहतरीन खिलाड़ी होते हैं। आईपीएल में हर टीम में अधिकतम चार विदेशी खिलाड़ियों का नियम है, इसलिए उन्हें चुनना विशेष रूप से मुश्किल था। आपके सामने है दाएं हाथ के खिलाड़ियों की आईपीएल एकादश:
सलामी बल्लेबाज़:
# 1 वीरेंदर सहवाग
"फुटवर्क पर ध्यान दें"- कोच युवाओं को फुटवर्क के महत्व के बारे में तब तक बताता है जब तक कि खिलाड़ी पैरों पर खड़ा न हो जाये, लेकिन वीरेंदर सहवाग ने सभी तरह क्रिकेट विशेषयज्ञों की बातों को किनारे कर दिया। उनकी बल्लेबाजी क्रिकेट कोचों को खुश नहीं कर सकती क्योंकि यह उनके मैनुअल का मजाक बनाती है, लेकिन सहवाग की बल्लेबाज़ी किसी भी दर्शक के लिए परम प्रसन्नता का क्षण होती है बल्लेबाजी की उनकी अनोखी और निडर शैली ने उन्हें अपने समय का सबसे खतरनाक बल्लेबाज़ बनाया। टेस्ट क्रिकेट में, वीरेंदर सहवाग ने 82 की स्ट्राइक रेट से रन बनाये, एक ऐसी दर जिसने उन्हें एकदिवसीय क्रिकेट में भी एक 'आक्रामक बल्लेबाज' का टैग दिलाया। यह आंकड़े ही वीरू के खतरनाक बल्लेबाज़ी की कहानी बताने के लिये काफी हैं। अगर कोई खिलाड़ी खेल के सबसे लंबे प्रारूप में इस दर पर रन बनाता है, जहां धीमी स्कोरिंग पूरी तरह से स्वीकार्य है, तो यह अनुमान लगाने में मुश्किल नहीं है कि उसने टी 20 प्रारूप में कितना तबाही लायी होगी। इंडियन प्रीमीयर लीग में उनकी 155 की स्ट्राइक रेट सबसे अधिक है लेकिन सहवाग के साथ इस तरह की स्ट्राइक रेट की पूरी तरह से उम्मीद होती है। नजफगढ़ के नवाब हमारी टीम की ओर से बल्लेबाजी की शुरुआत करेंगे।
# 2 शेन वॉट्सन (विदेशी खिलाड़ी)
वीरेंदर सहवाग के साथ सलामी साझेदारी करने के लिए शेन वॉट्सन से बेहतर कौन हो सकता है? 2008 में आईपीएल के शुरुआती संस्करण में, राजस्थान रॉयल्स में स्टार पॉवर की कमी थी जो कि अन्य सभी टीमों में काफी थी और यही वजह है तब रॉयल्स को टूर्नामेंट की कमजोर टीम में से एक माना गया था। लेकिन, उन्होंने खिताब जीतकर सभी को आश्चर्यचकित किया और वाट्सन रॉयल्स की सफलता के मुख्य किरदारों में से एक थे। तब से क्वींसलैंड के इस प्रतिभाशाली ऑलराउंडर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा है। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज़ का टेस्ट रिकॉर्ड मामूली हो सकता है लेकिन छोटे प्रारूपों में सर्वश्रेष्ठ आधुनिक ऑलराउंडर की सूची में उनका स्थान प्रश्न से परे है। आईपीएल के बाद के संस्करणों में, वह एक बड़े नाम बन गये। गेंदों को मैदान के सभी हिस्सों में मारने की क्षमता के अलावा, वह एक मध्यम गति से गेंदबाजी विकल्प भी प्रदान करते हैं। 104 मैचों में वॉट्सन ने 138 की स्ट्राइक रेट से 2622 रन बनाए और 86 विकेट लिए हैं।
# 3 विराट कोहली
कुछ साल पहले यह सोचना भी असंभव लगता था कि सचिन तेंदुलकर के बल्लेबाजी का रिकॉर्ड तोड़ा जा सकता है। लेकिन विराट कोहली की लाजवाब बल्लेबाज़ी से अब यह साल दर साल और अधिक संभव दिखता है। उनकी रन बनाने की दर इतनी प्रभावशाली रही है कि उन्होंने एक नयी बहस को जन्म दिया कि - "क्या वह सचिन जितना ही अच्छे हैं ?" भारतीय टीम के मामले में विपरीत आईपीएल में कोहली अपनी टीम के लिए निर्विवाद नंबर 1 बल्लेबाज़ नहीं हो सकते हैं और उन्हें क्रिस गेल और एबी डीविलियर्स के साथ सम्मान साझा करना होगा। कोहली आईपीएल की शुरूआत से ही, रॉयल चैलेंजर्स में रहे हैं और उन चुनिन्दा खिलाड़ियों में से हैं जिन्होंने सारे सीजन केवल एक टीम के लिए खेले। जैसा कि उम्मीद की जाती है, कोहली ने सर्वोच्च स्कोर के कई रिकॉर्ड अपने नाम कर रखे हैं। आईपीएल 2016 में 973 रनों बनाकर उन्होंने एक संस्करण में सर्वाधिक रन बनाते हुए एकल संस्करण में सर्वाधिक स्कोर का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया। रॉयल चैलेंजर्स की रन मशीन हमारे नंबर 3 होंगे।
# 4 रोहित शर्मा
रोहित शर्मा को हमेशा एक बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में देखा गया और उनका करियर बहुत उम्मीदों से शुरू हुआ। विफलताओं की एक लम्बी कतार के बाद, इसमें संदेह हो गया था कि क्या वह क्रिकेटरों की लंबी सूची में शामिल होगें या नहीं। लेकिन, रोहित ने आखिरकार अपनी निरंतरता पा ली और तब से, वह गेंदबाजों के लिये संकट का दूसरा नाम रहे है। एकदिवसीय में दो दोहरा शतक लगाने के लिए वह एकमात्र खिलाड़ी हैं। उनकी बल्लेबाजी भव्यता से भरी पड़ी है और जब वह पूरे फॉर्म में तो, तो गेंदों को आसानी से अपने बल्ले से सीमा पार पहुंचाते हैं। यहां तक कि बिना किसी ख़ास प्रयास के वह गेंदबाजी आक्रमण को टुकड़े टुकड़े कर सकते हैं और विपक्ष को नुकसान पहुँचाने वाला कारण बन सकते हैं। उनके टेस्ट के आंकड़ों में बहुत सुधार की आवश्यकता है, लेकिन एकदिवसीय और टी 20 में, उनके रिकॉर्ड में कोई संदेह नहीं है। उनके नाम 4000 से ज्यादा रन हैं, और वह आईपीएल के शीर्ष तीन रन बनाने वालों में शामिल हैं। मुंबई इंडियंस टीम का आधार हमारे बल्लेबाज़ी क्रम में नंबर 4 स्लॉट पर कब्जा करेगा।
# 5 एबी डीविलियर्स (विदेशी)
एक बल्लेबाज की प्रशंसा करते हुए कमेंट्रेटरों को अक्सर सुना गया है, लेकिन मैदान के चारों ओर शॉट्स खेलने की अपनी क्षमता के चलते एबी डीविलियर्स ने इसे एक और स्तर पर पहुँचा दिया। जब डीविलियर्स अपने रंग में हों तो गेंद जमीन के सबसे अकल्पनीय कोनों में गायब हो सकती है। डीविलियर्स ने आधुनिक युग के बाकी महान बल्लेबाजों से खुद को अलग कर रखा और उन्हें उपनाम "मिस्टर 360" मिला हुआ है। इस पहलू के अलावा भी उनकी बल्लेबाजी की प्रसंशा करने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन यह विशेषता ही उनकीन बल्लेबाजी को एक अलग आयाम देती है। डीविलियर्स कई वर्षों से आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने 38 से अधिक की औसत से 3000 रन बनाये हैं और उनका स्ट्राइक रेट 148 का रहा है। ये आंकड़े क्रिस गेल (औसत 41 और स्ट्राइक रेट 151) से बहुत ज्यादा कम नहीं हैं, जिन्हें आईपीएल इतिहास में सबसे ज्यादा खतरनाक बल्लेबाज़ माना जाता है। डीविलियर्स हमारे मध्य क्रम के आधार होंगे।
# 6 महेंद्र सिंह धोनी (कप्तान) (विकेटकीपर)
महेंद्र सिंह धोनी के चयन में तो दिमाग ही नही लगाना होता है। उन्हें आज के दौर में क्रिकेट के सबसे बड़े फिनिशर के रूप में जाता है,धोनी उस किसी भी टीम के लिए एक बहुमूल्य संपत्ति है जिसके लिये वह खेलते हैं। उनके बड़े शॉट खेलने की क्षमता मैचों को अपने दम पर बदल सकती है और उनका शांत रवैया अक्सर महत्वपूर्ण अंतिम क्षणों में जीत दिला सकता है। रोमांचक मुकाबलों में वह अपनी आक्रामक प्रवृत्ति को छोड़ सकते हैं और पारी को स्थिर कर सकते हैं। जब समय परिपक्व हो जाता है, तो वह अपनी बड़ी हिट के दम पर गेंदों को आसानी से मैदान के पार पहुँचा सकते हैं। धोनी की अंतरराष्ट्रीय टी -20 स्ट्राइक रेट 125 की है जो उनके उच्च मानकों के मुकाबले थोड़ा कम है लेकिन आईपीएल में यह बढ़ जाती है। वह 136 की स्ट्राइक रेट से रन बनाते हैं और उनके नाम से 3500 से अधिक रन हैं। उनका विकेट-कीपिंग कौशल भी बढ़िया हैं और धोनी ने पलक झपकते ही स्टंपिंग करने में एक महारत हासिल कर ली है। उनकी कप्तानी के तहत, चेन्नई सुपर किंग्स और राइजिंग पुणे सुपरहैन्गंट्स दोनों ने काफी सफलता हासिल की। धोनी से बेहतर है और कौन हो सकता है जो कप्तानी के साथ दस्तानों की जिम्मेदारी भी संभाले?
ऑलराउंडर
# 7 ड्वेन ब्रावो (विदेशी)
1980 के दशक के अंत तक, वेस्टइंडीज़ टीम उन खतरनाक खिलाड़ियों की एक टीम थी, जो सभी विरोधियों को एक जबरदस्त तरीके से हरा देती थी। इसके बाद कैरेबियाई क्रिकेट के स्तर में कमी आई, लेकिन टी 20 प्रारूप के आगमन ने वेस्ट इंडीज क्रिकेट प्रेमियों की मुस्कुराहट वापस लाने का कारण दिया। खेल के मुख्य प्रारूप में उनका प्रदर्शन अनियमित रहता है, जबकि वेस्टइंडीज टी -20 प्रारूप में एक बेहतरीन टीम बन गयी है और एक से बढ़कर एक टी 20 खिलाड़ियों का आगमन हुआ। ड्वेन ब्रावो भी एक ऐसा ही नाम है। ब्रावो एक विनाशकारी बल्लेबाज नहीं हो सकता है लेकिन वह बड़े-बड़े शॉट खेलने में सक्षम हैं और अंतिम ओवरों में कुछ तेज रन जोड़ सकते हैं। 8.19 की उनकी इकॉनमी अनुसार, ब्रावो थोड़ा महंगे हैं लेकिन उनकी विकेट लेने की अद्भुत क्षमता पूरी तरह से उसकी भरपाई करती है। कीरोन पोलार्ड, इस स्लॉट के लिए एक योग्य दावेदार है, लेकिन ब्रावो की बेहतर गेंदबाजी क्षमता उनके पक्ष में जाती है। ब्रावो ने 106 मैचों में 122 विकेट लिए हैं, एक मैच से एक से अधिक विकेट की दर से, जो कि टी 20 प्रारूप में दुर्लभ होती है। उनकी धीमी गेंदों ने कई बल्लेबाजों को मात दी है और अंतिम ओवरों में उनकी निपुणता ने उन्हें 'डेथ स्पेशलिस्ट' का उपनाम दिलाया है।
स्पिनर:
# 8 रविचंद्रन अश्विन
रविचंद्रन अश्विन घरेलू क्रिकेट में हमेशा नियमित प्रदर्शन करते आ रहे हैं, लेकिन यह उनकी आईपीएल का प्रदर्शन ही था कि जिसने उन्हें घर-घर एक पहचान दिलायी थी। तब से निरंतर उनके कद में वृद्धि हुई और जिसके चलते हरभजन सिंह को दोनों प्रारूपों में राष्ट्रीय टीम के मुख्य स्पिनर के रूप में लंबे समय तक बाहर कर दिया। अश्विन की ऑफ-स्पिन के पास बहुत सारे बदलाव हैं और 'कैरम गेंद' के लिए वह प्रसिद्ध हैं जो बल्लेबाजों को ऑफ-गार्ड पर पकड़ सकती है। वह पॉवर प्ले ओवरों में शानदार ढंग से गेंदबाजी कर सकते हैं, जो उनकी दावेदारी को और मजबूत बनाती है। अश्विन चेन्नई सुपर किंग्स टीम के एक महत्वपूर्ण सदस्य थे। वह धोनी के सबसे उपयोगी गेंदबाज़ होते थे जब भी विकेटों की ज़रूरत होती थी और ज्यादातर उन्होंने सफलता भी पायी। हरभजन (26.65 की औसत और 6.95 की इकॉनमी) भी ऑफ स्पिनर की भूमिका के लिए एक बेहतरीन पसंद है और अश्विन को कड़ी टक्कर देते है। लेकिन चेन्नई का यह लंबे कद का खिलाड़ी फिर से उनके उपर (24.99 की औसत और 6.54 की इकोनॉमी) होता है, लेकिन बहुत कम अंतर से।
# 9 अमित मिश्रा
अनिल कुंबले और हरभजन सिंह के रूप में दो महान स्पिनरों की उपस्थिति के कारण, अमित मिश्रा का अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा आगे नही बढ़ पाया। चयनकर्ताओं की युवाओं की तलाश के चलते, महान गेंदबाजों के जाने के बाद भी मिश्रा को ज्यादा अवसर नहीं मिले। हालांकि, वह घरेलू क्रिकेट और इंडियन प्रीमीयर लीग में एक अच्छे खिलाड़ी बने रहे। उन्होंने काफी हद तक टूर्नामेंट के सबसे महान गेंदबाजों में से एक में जगह बनाई है। आईपीएल में मिश्रा ने 126 मैचों में 134 विकेट लिए और केवल लसिथ मलिंगा ने उनसे अधिक विकेट लिए है। आज के स्पिनरों से विपरीत, मिश्रा गेंद को अच्छी फ्लाइट प्रदान करने से डरते नहीं है और उनके पास एक अच्छी गुगली भी है। मिश्रा ने आईपीएल में तीन हैट-ट्रिक लेने का कारनामा भी किया है। कई टीमें आम तौर पर दो फ्रन्टलाइन स्पिनर खिलाना पसंद नहीं कर सकती हैं, लेकिन बिना मिश्रा के स्पिन का बोझ पूरी तरह से अश्विन पर पड़ेगा क्योंकि वाटसन और पोलार्ड दोनों ही गेंदबाजी आलराउंडर हैं। भारत में, पिचें स्पिनरों को अच्छी सहायता प्रदान करती है, और इसलिए, मिश्रा जैसे विकेट लेने वाला स्पिन विकल्प इस स्लॉट का हकदार होना चाहिए।
तेज़ गेंदबाज़:
# 10 भुवनेश्वर कुमार
जहाँ एक ओर भारत के पास महान स्पिनरों की कोई कमी नहीं थी, वहीं गुणवत्ता वाले तेज गेंदबाज दुर्लभ बने रहे। हालांकि, तेज गेंदबाजों की मौजूदा फसल ने प्रशंसकों को एक नई उम्मीद दी है कि भारतीय तेज गेंदबाजी के लिए भविष्य अच्छा है। भुवनेश्वर कुमार उनके बीच सबसे प्रभावशाली हैं। डेल स्टेन और ट्रेंट बोल्ट जैसे बड़े नामों की मौजूदगी के बावजूद, कुमार ने सनराइज़र्स हैदराबाद की गेंदबाजी लाइनअप में अपनी भूमिका निभाई। वह आईपीएल में सर्वाधिक विकेट लेने वालों में से एक हैं, 90 मैचों में 111 विकेट और 7.08 की उनकी इकोनॉमी इस बात का प्रमाण हैं। जब भुवी पूरे रंग में हों तो गेंद को एक ही जगह से दोनों ओर स्विंग करा सकते हैं और बल्लेबाजों को लिये परेशानियाँ खड़ी करते हैं। आईपीएल में उनके अच्छे रिकॉर्ड को देखते हुए कुमार को टीम से बाहर छोड़ना मुश्किल है।
# 11 लसिथ मलिंगा (विदेशी)
110 मैचों में 154 विकेट लेना एकदिवसीय क्रिकेट में एक बहुत अच्छा प्रदर्शन माना जाता है, लेकिन, अगर कोई ऐसा टी -20 में करने दिखाये, जहां एक गेंदबाज अधिकतम चार ओवर कर सकता है, वह अविश्वसनीय है। लसिथ मलिंगा ने ठीक ऐसा ही आईपीएल में किया है। यह सब सिर्फ 6.86 प्रति ओवर की इकोनॉमी से , जो कि दिखाता है कि बल्लेबाजों के ऊपर कैसे वह हावी रहे हैं। मलिंगा का नाम आते ही वो अनगिनत यॉर्कर गेंदें याद आती हैं जो बिलकुल निशाने पर जा कर लगती थीं और बल्लेबाजों के पैर की उंगलियों पर उतरी या सीधे स्टंप की नोक पर। इसके अलावा मलिंगा भ्रामक धीमी गेंदों, प्रभावी बाउंसर्स भी फेक सकते हैं और अच्छी स्विंग भी प्राप्त कर सकते हैं। हाल के दशकों में क्रिकेट बल्लेबाजों के पक्ष में झुकता आया है और टी -20 क्रिकेट के मामले में असंतुलन अधिक हो गया है, जहां शुरुआत से ही गेंदबाजों पर कड़े प्रहार के लिए बल्लेबाजों को छूट दी जाती है। नतीजतन, कई गेंदबाज़ों ने संघर्ष किया, लेकिन इस अजीब गेंदबाजी एक्शन और घुंगराले बालों वाले गेंदबाज़ ने बेहतरीन बल्लेबाजों के लिए भी गेंदों के खेलने में मुश्किलें खड़ी की हैं। ऐसे में टूर्नामेंट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ को टीम से बाहर रखना गलत होगा और इसलिए, मलिंगा का चयन आसानी से होता है। लेखक: प्रवीण एनवीएस अनुवादक: राहुल पांडे