युवा विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत वेस्टइंडीज दौरे पर, सीमित प्रारूप के लिए इकलौते विकेटकीपर हैं। धोनी की अनुपस्थिति में टीम प्रबंधन ने उन पर भरोसा जताया है। वह टीम की पहली पसंद हैं। उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में कई बातें बताई हैं।
वनडे टीम में, बतौर विकेटकीपर बल्लेबाज एमएस धोनी की जगह लेने के बारे में उन्होंने कहा कि यह बड़ी बात है, लेकिन मुझे इस बारे में ज्यादा सोचना नहीं चाहिए। मैं सिर्फ इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहा हूं कि मुझे क्या करना है। मैं सिर्फ अपने देश के लिए अच्छा करना चाहता हूं। केवल यही एक चीज है जिस पर मैं ध्यान केंद्रित कर रहा हूं। मैं चुनौती को सकारात्मक रूप से लेता हूं।
जब पंत से पूछा गया धोनी से उन्होंने क्या सीखा तब पंत ने जवाब दिया, "उन्हें खेल की अच्छी समझ है। फिर वह दबाव की स्थितियों में हमेशा बहुत शांत रहते हैं। उनसे सीखने के लिए कई चीजें हैं, और मैदान से दूर वह हमेशा बहुत मददगार भी होते हैं। मैं सीनियर्स से हमेशा सीखता रहता हूं।"
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रुड़की से दिल्ली तक के सफर के बारे में पंत ने बताया, "यह निर्णय मेरे पिता का था क्योंकि उस समय उत्तराखंड की प्रथम श्रेणी की टीम नहीं थी। इसलिए उन्हें पता था कि उत्तराखंड में खेलने का कोई मतलब नहीं था और मुझे कहीं बाहर जाना था। इसीलिए उन्होंने मुझे दिल्ली भेजा।"
नम्बर चार पर बल्लेबाजी करने को लेकर पंत ने कहा, "मैं नंबर 4 पर बल्लेबाजी करना पसंद करता था। यह मेरे लिए कुछ भी नया नहीं था, क्योंकि मैं आईपीएल में पहले भी नंबर 4 पर खेल चुका हूं। मैं उसी भूमिका के लिए अभ्यास कर रहा था।"
टीम में विराट कोहली- रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ियों के साथ खेलने को लेकर उन्होंने कहा, "विराट भैया हमेशा सुनते हैं, वे कभी नहीं सोचते कि अगर वह कप्तान हैं तो उन्हें किसी युवा खिलाड़ी की बात नहीं माननी चाहिए। वास्तव में, यह मेरे जैसे खिलाड़ियों को बहुत विश्वास दिलाता है कि आपका कप्तान आपको सुन रहा है। दूसरे सीनियर खिलाड़ी भी मेरी बहुत मदद करते हैं।"
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