BCCI president Roger Binny has to resign: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। बिन्नी को यह फैसला बोर्ड के आयु-सीमा नियम के मद्देनजर लेना पड़ सकता है। बोर्ड के नियम के मुताबिक अध्यक्ष की उम्र 70 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। 19 जुलाई को बिन्नी अपना 70वां जन्मदिन मनाएंगे। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही कि बिन्नी के बाद बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला को अंतरिम अध्यक्ष चुना जा सकता है। 65 वर्षीय शुक्ला सितंबर में वार्षिक आम बैठक (एजीएम) के दौरान राजीव शुक्ला बोर्ड के पूर्णकालिक अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में खड़े हो सकते हैं।क्या कहता है बीसीसीआई का नियम?बोर्ड ने अपने सभी कर्मचारियों के लिए उम्र की सीमा तय किया है। उनके इस नियम की माने तो कोई भी अधिकारी 70 वर्ष की आयु के बाद कोई भी पद नहीं संभाल सकता है। बता दें कि लोढ़ा समिति की सिफारिशों के बाद साल 2016 में उम्र सीमा का यह मुद्दा उठाकर सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया गया था।कोर्ट ने बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष जगमोहन डालमिया का उदाहरण दिया जो 75 वर्ष की आयु तक बोर्ड की कुर्सी पर जमे थे। नियम के मुताबिक़ बोर्ड के अध्यक्ष को एक भारतीय नागरीक होना चाहिए। उसकी उम्र 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए। वह मांसिक रूप से स्थिर होना चाहिए। उसे दिवालिया घोषित न किया गया हो। वह कोई मंत्री या फिर सरकारी कर्मचारी नहीं होना चाहिए।राजीव शुक्ला होंगे अगले बीसीसीआई प्रेसिडेंट?19 जुलाई को रॉजर बिन्नी 70 साल के हो जाएंगे। ऐसे में बोर्ड अपने नियम के मुताबिक़ दूसरे प्रेसिडेंट की तलाश शुरू करेगा। ऐसे में बोर्ड के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला इस कार्यभार को संभालने के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार लग रहे हैं। बिन्नी के पद छोड़ते ही शुक्ला को तीन महीने के अंतरिम अध्यक्ष बनाया जा सकता है। या फिर हमें इस पद के लिए कोई नया चेहरा ही देखने में मिले।रॉजर बिन्नी के अचीवमेंट्सरोजर बिन्नी के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद भारत ने दो सीमित ओवर प्रारूप के आईसीसी टूर्नामेंट जीते। भारत ने आईसीसी टी20 विश्व कप 2024 और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 अपने नाम किया था। बिन्नी के अध्यक्ष रहते ऐतिहासिक महिला प्रीमियर लीग (WPL) की भी शुरुआत हुई। उनके अध्यक्ष रहते ही घरेलू क्रिकेट को बेहतर प्रोत्साहन मिला। खिलाड़ियों की सैलरी में वृद्धि हुई और टीम इंडिया के सीनियर खिलाड़ियों को घरेलू टूर्नामेंटों में खिलाए जाने के लिए उचित और सख्त कदम उठाए गए।