स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में आजीवन प्रतिबंध झेल रहे भारतीय तेज गेंदबाज एस. श्रीसंत को बीसीसीआई लोकपाल ने राहत भरी खबर सुनाई है। बीसीसीआई लोकपाल डीके जैन ने अपने आदेश में कहा है कि श्रीसंत का बैन आजीवन से घटाकर 7 साल का कर दिया गया है और अगले साल अगस्त में उनका बैन समाप्त हो जाएगा।
2013 में बीसीसीआई ने राजस्थान रॉयल्स के लिए खेल रहे श्रीसंत के साथ ही अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण को स्पॉट फिक्सिंग के कारण आजीवन बैन कर दिया था। हालांकि, इसी साल 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के आदेश को खारिज कर दिया था।
7 अगस्त को पास किए आदेश में जैन ने कहा कि श्रीसंत के साथ न्याय किया जाना चाहिए और उनका प्रतिबंध 7 साल करके उन्हें अगले साल से खेलने का मौका दिया जाना चाहिए। जैन ने आगे कहा कि श्रीसंत 35 साल से ज़्यादा के हो चुके हैं और एक तेज गेंदबाज के रूप में उनका प्राइम टाइम लगभग समाप्त हो चुका है।
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इसी साल अप्रैल में अशोक भूषण और केएम जोसेफ की न्यायपीठ ने कहा था कि जैन को अपने आदेश पर तीन महीने के भीतर पुनर्विचार करना चाहिए और श्रीसंत को दिए गए दंड में संसोधन किया जाना चाहिए। 28 फरवरी को बीसीसीआई ने कहा था कि श्रीसंत पर लगाया गया बैन पूरी तरह सही है, क्योंकि उन्होंने एक मैच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
श्रीसंत के वकील ने कहा था कि आईपीएल मुकाबले में कोई स्पॉट-फिक्सिंग नहीं हुई थी और श्रीसंत पर लगाए आरोपों को साक्ष्यों द्वारा साबित नहीं किया जा सका था। बीसीसीआई की वकालत कर रहे सीनियर एडवोकेट पराग त्रिपाठी ने टेलीफोन रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए कहा था कि पैसों की मांग की गई थी और शायद पैसे लिए भी गए थे।
हालांकि अब श्रीसंत को बड़ी राहत मिल गई है और अगले साल से वो क्रिकेट दोबारा खेल सकेंगे।
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