दक्षिण अफ्रीका (South Africa Cricket Team) और भारत (India Cricket Team) के बीच बुधवार को केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में दूसरे टेस्ट की शुरूआती हुई। इस मुकाबले में पहले दिन की शुरुआत से लेकर अंत तक तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा, जिन्होंने न सिर्फ बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा किया बल्कि रिकॉर्ड्स बुक में अपनी अलग जगह भी बनाई।
केपटाउन टेस्ट के पहले ही दिन कुल 23 विकेट गिरे। दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन उनका यह निर्णय मोहम्मद सिराज ने पूरी तरह खराब कर दिया। दक्षिण अफ्रीका की पहली पारी लंच से पहले ही केवल 55 रन पर ऑलआउट हो गई।
इसके बाद भारतीय टीम एक समय 151/4 के स्कोर पर मजबूत नजर आ रही थी, लेकिन लुंगी एनगिडी और कगिसो रबाडा ने प्रोटियाज टीम की शानदार वापसी कराई और भारत की पहली पारी 153 रन पर समेट दी।
भारत ने पहली पारी के आधार पर 98 रन की बढ़त हासिल की। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने स्टंप्स तक अपनी दूसरी पारी में 62 रन के स्कोर पर तीन विकेट गंवा दिए। मेजबान टीम अभी भारत के स्कोर से 36 रन पीछे है जबकि उसके सात विकेट शेष हैं।
उल्लेखनीय है कि तेज गेंदबाजों ने दिन में कुल 22 विकेट हासिल किए जबकि एक बल्लेबाज रन आउट हुआ। इसी के साथ केप टाउन टेस्ट का पहला दिन रिकॉर्ड्स के लिहाज से खास बन गया।
दक्षिण अफ्रीका और भारत के बीच टेस्ट मैच के पहले दिन दूसरे सबसे ज्यादा विकेट (23) गिरे। टेस्ट मैच के एक दिन सबसे ज्यादा विकेट गिरने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड मैच के नाम दर्ज है। ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच 1902 में मेलबर्न में टेस्ट खेला गया, जहां पहले दिन कुल 25 विकेट गिरे थे। भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट दूसरे स्थान पर पहुंच गया है।
इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच 1890 में द ओवल में खेले टेस्ट के पहले दिन कुल 22 विकेट गिरे थे। वहीं ऑस्ट्रेलिया और वेस्टइंडीज के बीच 1951 में एडिलेड में खेले गए टेस्ट के पहले दिन भी 22 विकेट गिरे थे। इसके अलावा 1896 में केबरहा में खेले गए दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड टेस्ट में 21 विकेट गिरे थे।
टेस्ट मैच के पहले दिन सबसे ज्यादा विकेट
- 25 - ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, मेलबर्न, 1902
- 23 - दक्षिण अफ्रीका बनाम भारत, केपटाउन, 2024
- 22 - इंग्लैंड बनाम ऑस्ट्रेलिया, द ओवल, 1890
- 22 - ऑस्ट्रेलिया बनाम वेस्टइंडीज, एडिलेड, 1951
- 21 - दक्षिण अफ्रीका बनाम इंग्लैंड, 1896