महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कोच वासु परांजपे (Vasu Paranjape) के निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित की है। वासु परांजपे ने सोमवार को अंतिम सांस ली। तेंदुलकर ने उन्हें सर्वश्रेष्ठ कोच में से एक करार दिया, जिसके साथ उन्होंने काम किया है।
वासु परांजपे का 82 साल की उम्र में अपने घर मटुंगा में ही निधन हुआ। पूर्व राष्ट्रीय चयनकर्ता और क्रिकेटर वासु परांजपे अपनी पत्नी और बेटे जतिन के साथ रहते थे।
वासु परांजपे को याद करते हुए तेंदुलकर ने एक बयान में लिखा, 'वासु सर, मैं हमेशा उन्हें इसी नाम से जानता हूं। वह सर्वश्रेष्ठ कोच में से एक थे, जिनके साथ मैंने काम किया। वह बचपन से ही मेरी क्रिकेट यात्रा का अतुल्नीय हिस्सा रहे और कई तरीकों से मेरे मेंटर रहे।'
सचिन तेंदुलकर के मुताबिक परांजपे ज्ञानी और जिंदादिल व्यक्ति थे, जिनका गजब का सेंस ऑफ ह्यूमर था। दिग्गज बल्लेबाज ने कहा, 'मेरे करियर की शुरूआत में, मुझे याद है कि उन्होंने मुझे मराठी में कहा था- तुम पहले 15 मिनट ध्यान दो और विरोधी टीम फिर तुम्हें पूरे दिन देखेगी। वह ज्ञानी थे। जिंदादिल थे, जिनका सेंस ऑफ ह्यूमर गजब का था।'
जब परांजपे सर ने केयरटेकर को हिला डाला
तेंदुलकर ने आगे बताया, 'मैं कुछ महीने पहले उनसे मिलने गया था और वह अपने मजाकिया अंदाज में बात कर रहे थे।' सचिन को महसूस हो रहा है कि उनके शरीर के एक टुकडे़ ने दुनिया छोड़ दी है।
सचिन तेंदुलकर ने लिखा, 'इंदौर में हमारे अंडर-15 नेशनल कैंप के दौरान केयर टेकर ने जाकर परांजपे सर को शिकायत कर दी कि हम लड़के रात में टेनिस बॉल से खेलते रहते हैं। उसे कुछ समर्थन और सख्त एक्शन की उम्मीद थी। वासु सर ने अपने अनोखे अंदाज में कहा, 'वो बच्चे हैं। आप उनके लिए फील्डिंग क्यों नहीं करते।' इस बयान ने केयरटेकर को हिलाकर रख दिया था।
महान बल्लेबाज ने आगे कहा, 'वासु सर ने बहुत सारी यादें और मुस्कुराने वाले पलों के साथ हमें छोड़ा है। मुझे लगता है कि मेरे एक टुकड़े ने दुनिया छोड़ दी है। रिप वासु सर।' सचिन तेंदुलकर के बचपन के दोस्त विनोद कांबली ने भी परांजपे सर को श्रद्धांजलि दी है।