Sachin Tendulkar foundation completes 5 years: क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर ने भले ही अपने खेल से संन्यास ले लिया हो, लेकिन क्रिकेट टीम से लेकर फैंस के दिल में आज तक उनकी जगह कोई और नहीं ले पाया है। सचिन तेंदुलकर क्रिकेट टीम के सिर्फ खिलाड़ी नहीं बल्कि क्रिकेट के भगवान हैं, उनके शानदार खेल की वजह से ही उन्हें 'क्रिकेट के भगवान' की उपाधि से नवाजा गया है। क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सचिन तेंदुलकर ने अपने फाउंडेशन की शुरुआत की, जिसका नाम 'सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन' है। सचिन तेंदुलकर के फाउंडेशन को पांच साल पूरे हो गए हैं। फाउंडेशन के पांच साल पूरे होने पर सचिन तेंदुलकर ने अपने मन के भाव को व्यक्त किया है। सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन के इंस्टाग्राम पेज से एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें वह अपने मन के भावों को बता रहे हैं। आपको वह वीडियो दिखाते हैं।
सचिन तेंदुलकर के फाउंंडेशन को पूरे हुए पांच साल
सचिन तेंदुलकर ने कहा, 'मुझे याद है जब मैंने क्रिकेट से संन्यास लिया था, तो लोगों ने मुझसे पूछा था कि आपका अगला प्लान क्या है। उस वक्त मैंने कहा था कि मैं इंडिया के लिए बैटिंग करुंगा, लेकिन इस बार पिच अलग होगी। मैंने अपनी पत्नी के साथ बैठकर यह फैसला लिया और फाउंडेशन खोलने का निर्णय लिया। मेरा लक्ष्य हमारे बच्चों के लिए एक बेहतर दुनिया बनाना है। सचिन तेंदुलकर फाउंडेशन उस दिशा में एक सार्थक कदम है। साथ मिलकर काम करके, हम बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और खेल में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। युवाओं को आगे बढ़ने और उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने में मदद कर सकते हैं। जब मैं आखिरी बार पवेलियन की ओर लौटा, तो मेरे मन में यह भाव था कि मेरी पारी अभी खत्म नहीं हुई है।"
अंजलि और मेरा सपना था वंचित लोगों की मदद करना- सचिन तेंदुलकर
अंजलि और मेरा यह सपना था कि वंचितों के जीवन को आसान बनाने के लिए कुछ किया जाए और अब हम अपना काम करते हुए आधे दशक को पार कर चुके हैं और सारा अब इस फाउंडेशन का नेतृत्व कर रही है। मुझे पूरा विश्वास है कि एसटीएफ लाखों सपनों को हकीकत में बदलना जारी रखेगा और काम करने वालों को पंख देगा। लोगों से जुड़ने और उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने में उनकी मदद करते हुए, एसटीएफ अपने खेल-विकास पहलों को कई गुना बढ़ाने की कगार पर है, ताकि कोने-कोने में लाखों और बच्चे और युवा को लाभ मिल सकें। विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक ध्यान दिया जा रहा है। स्थानीय अस्पतालों और अधिकारियों के साथ सहयोग के माध्यम से बच्चों के लिए स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को मजबूत करने और अवसरों की कमी को दूर करने तथा कौशल विकास के उद्देश्य से अभिनव शिक्षा कार्यक्रम शुरू करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एसटीएफ का लक्ष्य 'अरबों सपनों' को पूरा करने का दशक बनाना है।"