महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने रविवार को कहा कि 24 साल के अपने लंबे करियर में आधे से ज्यादा समय वह तनाव से जूझे और फिर उन्हें एहसास हुआ कि मैच से पहले तनाव खेल की उनकी तैयारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कोविड-19 के समय में खिलाड़ी ज्यादा समय बायो-बबल में गुजार रहे हैं, उनके मानसिक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ रहा होगा, इस पर तेंदुलकर ने कहा कि स्वीकार्यता महत्वपूर्ण हैं।
तेंदुलकर ने अनएकेडमी द्वारा आयोजित परिचर्चा में कहा, 'समय के साथ मैंने महसूस किया कि खेल के लिए शारीरिक रूप से तैयारी करने के साथ आपको खुद को मानसिक रूप से भी तैयार करना होगा। मेरे दिमाग में मैदान में प्रवेश करने से बहुत पहले मैच शुरू हो जाता था। तनाव का स्तर बहुत अधिक रहता था। मुझे 10-12 साल तक तनाव महसूस हुआ। मैच से पहले कई बार रातभर नींद नहीं आई। बाद में मैंने स्वीकार करना शुरू किया कि ये मेरी तैयारी का हिस्सा है। फिर मैंने समय के साथ शांति की। मैं रात में नींद नहीं ले पाता था। मैं फिर ऐसी चीजें करता था, जिसमें मेरा दिमाग सहज रहे।'
48 साल के सचिन तेंदुलकर ने आगे कहा कि परछाई बल्लेबाजी (शेडो बैटिंग), टीवी देखना और सुबह जल्दी उठकर वीडियो गेम्स खेलना मेरे दिमाग को सही रखने में शामिल था। मुझे सुबह की चाय बनाने से अपने मैच की तैयारी करने में मदद मिलती थी।
200 टेस्ट खेलने वाले दुनिया के इकलौते क्रिकेटर ने कहा, 'चाय बनाना, अपने कपड़ों पर स्त्री करने से भी मुझे मैच की तैयारी करने में मदद मिलती थी। मैं मैच के एक दिन पहले अपना बैग पैक कर लेता था। मेरे भाई ने मुझे ये सब चीजें सिखाई थीं और फिर यह मेरी आदत बन गई। मैंने ये सभी चीजें भारत के लिए खेले अपने आखिरी मैच तक की।'
चीजों को स्वीकार करना होगा: सचिन तेंदुलकर
सचिन तेंदुलकर ने कहा कि खिलाड़ी के जीवन में उतार-चढ़ाव आना ही है, लेकिन स्वीकार करना महत्वपूर्ण है जब कोई खराब दौर में हो। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में शतकों का शतक लगाने वाले दुनिया के एकमात्र बल्लेबाज ने कहा, 'जब आप चोटिल होते है तो चिकित्सक या फिजियो आपका इलाज करते है। मानसिक स्वास्थ्य के मामले में भी ऐसा ही है। किसी के लिए भी अच्छे-बुरे समय का सामना सामान्य बात है। इसके लिए आपकों चीजों को स्वीकार करना होगा। यह सिर्फ खिलाड़ियों के लिए नहीं है बल्कि जो उसके साथ है उस पर भी लागू होती है। जब आप इसे स्वीकार करते है तो फिर इसका समाधान ढूंढने की कोशिश करते है।'
तेंदुलकर ने चेन्नई के एक होटल कर्मचारी का जिक्र किया और बताया कि कोई भी किसी से भी सीख सकता है। उन्होंने बताया, 'मेरे कमरे में एक वेटर डोसा लेकर आया और उसे टेबल पर रखने के बाद मुझे एक सलाह दी। उसने बताया कि मेरे एल्बो गार्ड के कारण मेरा बल्ला पूरी तरह से नहीं चल रहा, यह वास्तव में सही तथ्य था। उसने मुझे इस समस्या से निजात दिलाने में मदद की।'
सचिन तेंदुलकर ने पिछले साल कोविड-19 से बिना थकान के काम कर रहे सभी फ्रंटलाइन कर्मियों को धन्यवाद दिया। चैंपियन बल्लेबाज हाल ही में जानलेवा वायरस से ठीक होकर लौटे हैं।