पूर्व भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने बैट बनाने वाली ऑस्ट्रेलियाई कम्पनी स्पार्टन के साथ अपना क़ानूनी मामला सुलझा लिया है। सचिन तेंदुलकर इस कम्पनी के बैट का प्रचार करते थे लेकिन बाद में उन्होंने धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए फेडरल कोर्ट में मामले को लेकर गए। वहां उन्होंने कहा कि करार के नियमों का पालन नहीं करते हुए करार खत्म होने के बाद भी मेरे नाम का इस्तेमाल किया गया। कोर्ट ने सचिन तेंदुलकर का नाम और फोटो का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश कम्पनी को दिया है।
इसके बाद स्पार्टन ने सार्वजनिक तौर पर माफी माँगी और कहा "स्पार्टन सचिन के साथ स्पोंसरशिप करार के उल्लंघन के उल्लंघन के लिए माफी मांगती है और मामले के निपटने तक सचिन को धैर्य बनाए रखने के लिए धन्यवाद देती है। स्पार्टन कम्पनी सार्वजानिक तौर पर यह मानती है कि उसका सचिन के साथ 17 सितम्बर 2018 के बाद से कोई करार नहीं है।"
यह भी पढ़ें: सचिन और गांगुली की जोड़ी के आंकड़ों के ट्वीट पर आईसीसी को मिला जवाब
सचिन तेंदुलकर निर्णय से खुश
सचिन तेंदुलकर की कम्पनी एसआरटी स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मृनमोय मुखर्जी ने कहा है कि तेंदुलकर इस मामले के निपटारे और दोस्तीपूर्ण हल तक पहुँचने के लिए खुश हैं। गौरतलब है कि तेंदुलकर ने इस कम्पनी के साथ 2016 में करार किया था। इसके बाद उन्होंने मुंबई और लंदन में स्पार्टन कम्पनी के बैट का प्रचार भी किया था।
सचिन तेंदुलकर के वकीलों ने आरोप लगाया था कि उन्हें एंडोर्समेंट फीस भी नहीं दी गई और करार समाप्ति के बाद तक उनके नाम, स्टिकर, फोटो आदि चीजों का इस्तेमाल किया गया। इस दौरान सचिन तेंदुलकर का ट्रेड मार्क भी इस्तेमाल करने की बात सामने आई।
उल्लेखनीय है कि सचिन तेंदुलकर की छवि काफी साफ़ सुथरे खिलाड़ी की रही है। खेलने के दिनों में भी उनसे विवादों से दूर-दूर तक कोई नाता नहीं होता था। हालांकि कुछ मौकों पर उनका नाम घसीटने की कोशिशें जरुर हुई लेकिन तेंदुलकर उन सबमें बरी होकर निकले। उन्होंने अपने क्रिकेटिंग करियर में कई अलग-अलग कम्पनियों के स्टिकर लगे बल्ले इस्तेमाल किये थे। कुछ कम्पनियों के साथ तो उन्होंने काफी लम्बा करार किया और उससे उन्हें अच्छी कमाई भी हुई। स्पार्टन के गलत बर्ताव के कारण उन्हें कोर्ट में जाना पड़ा।