अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 664 मैच और 34 हजार 357 रन बनाने वाले सचिन तेंदुलकर का आज 47वां जन्मदिन है। हालांकि कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए तेंदुलकर ने अपना जन्मदिन नहीं मनाने का फैसला किया लेकिन फैन्स सोशल मीडिया पर उनके लिए कुछ अलग लिखकर और क्रिएटिव तरीके से स्कैच आदि बनाकर जश्न मना रहे हैं। तेंदुलकर के शतक, रन आदि रिकॉर्ड हर कोई जानता है लेकिन उन्हें तोड़ना दुनिया भर के खिलाड़ियों के लिए उतना आसान नहीं है।
सचिन तेंदुलकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सोलह साल की उम्र से खेलना शुरू किया और 24 साल से भी ज्यादा समय तक खेलकर यह रिकॉर्ड बनाया। इस दौरान उन्होंने वर्ल्ड क्रिकेट के टॉप गेंदबाजों का सामना किया। शोएब अख्तर, ब्रेट ली, वकार यूनिस, वसीम अकरम, अब्दुल कादिर, शॉन पोलक, ग्लेन मैक्ग्रा, शेन वॉर्न, शेन बॉन्ड, चमिंडा वास और मुरलीधरन जैसे नाम इस लिस्ट में शामिल है। इन गेंदबाजों की तुलना में आज खेल रहे गेंदबाज उतने खतरनाक नहीं हैं।
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विराट कोहली को वह बल्लेबाज माना जा रहा है जो सचिन तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बनाए 100 शतकों का रिकॉर्ड तोड़ सकता है। कोहली वनडे क्रिकेट में आगे भी तेजी से बढ़ रहे हैं। सचिन के नाम 100 शतक के अलावा 201 अंतरराष्ट्रीय विकेट भी है। इस रिकॉर्ड को तोड़ पाना विश्व क्रिकेट में काफी मुश्किल काम नजर आता है। टेस्ट में उन्होंने 46, वनडे में 154 और टी20 में 1 विकेट हासिल किया है। वनडे में उन्होंने दो बार पांच विकेट हासिल किये। इस दौरान 32 रन देकर पांच विकेट उनका श्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। दो बार उन्होंने अंतिम ओवर में भारतीय टीम को अपनी गेंदबाजी से जीत दिलाई है। इसमें 1993 में हीरो कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सेमीफाइनल के अंतिम ओवर की गेंदबाजी अहम है। सौ शतक के बाद 201 विकेट लेने का कारनामा विराट कोहली भी शायद नहीं कर पाएंगे और विश्व का कोई अन्य खिलाड़ी भी इस अनोखे रिकॉर्ड को लम्बे समय तक नहीं तोड़ पाएगा।
यह हम सबने देखा है कि तेंदुलकर ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर में ज्यादा गेंदबाजी नहीं की। उन्हें अधिक मौके मिलते, तो विकेटों की संख्या काफी ज्यादा हो सकती थी। उनके पास गूगली, ऑफ़ ब्रेक, लेग स्पिन और मीडियम पेस थी। कई मैचों में उन्होंने स्पिन और मीडियम पेस गेंदबाजी एक-साथ की है। उनके जन्मदिन के अवसर पर बल्लेबाजी की बात चारों तरफ हो रही है लेकिन गेंदबाजी के बारे में काफी कम लोग जानते हैं। वनडे में उन्होंने 5 से थोड़ी ज्यादा इकोनोमी रेट से रन खर्च किये थे। टेस्ट में उन्होंने तीन से ऊपर के औसत से रन दिए। टी20 में उन्होंने एक मैच ही खेला था और उसमें भी विकेट लेने में सफल रहे थे। कहने का तात्पर्य यही है कि कोई बल्लेबाज 100 शतक तो बना देगा लेकिन सचिन से आगे जाने के लिए उसे 201 विकेट भी तो लेने पड़ेंगे।