Saina Nehwal interview about Cricket and other Sports: भारत का राष्ट्रीय खेल भले ही हॉकी है, लेकिन यहां के लोगों के दिलों में जो खेल बसता है, उसका नाम क्रिकेट (Indian Cricket Team) है। अन्य एथलीट्स के मुकाबले क्रिकेटर्स कमाई के मामले में कहीं ज्यादा आगे होते हैं। वहीं, उन्हें वर्ल्ड क्लास सुविधाएं भी मिलती हैं। यही बात भारत की स्टार बैडमिंटन प्लेयर साइना नेहवाल को पसंद नहीं आ रही। हाल में एक पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान उनका गुस्सा भी इस मुद्दे पर निकला।
क्रिकेट जितनी सुविधाएं अन्य खेलों के एथलीट्स को भी मिलें तो भारत चीन जितने मेडल जीतेगा
साइना ने खुलासा करते हुए बताया कि हमें मैच खेलने के लिए क्रिकेटरों की तरह कोई फीस नहीं मिलती है। भारत में हर जगह आपको क्रिकेट अकादमी देखने को मिलेगी, जबकि बैडमिंटन के लिए ऐसा नहीं है। ऐसे में अच्छे प्लेयर्स कैसे तैयार होंगे। चीन, अमेरिका जैसे देशों के एथलीट्स 100-100 मेडल क्यों जीतकर लाते हैं, क्योंकि उन्हें वो सभी सुविधाएं मिलती हैं, जो हमारे यहां क्रिकेटर्स को दी जाती हैं। हमें भी ये सब मिलेगा तो भारत भी 100 से ज्यादा मेडल जीतकर लाएगा।'
मैं यहां तक खुद हाथ-पैर मारकर पहुंची हूं
साइना ने आगे बताया कि क्रिकेटरों को आगे बढ़ने के लिए काफी मौके मिलते हैं, लेकिन हम जैसे खिलाड़ी खुद से हाथ-पैर मारने के बाद यहां तक पहुंचते हैं। इंजरी के दौरान भी क्रिकेटरों को पूरी सैलरी मिलती है।
पोडकास्ट के दौरान होस्ट ने बताया कि क्रिकेट एक रिस्की गेम होता है, जिसमें गेंद लगने से जान भी जा सकती है, लेकिन आपके बैडमिंटन में ऐसा नहीं होता है। इस पर बैडमिंटन स्टार ने कहा, 'क्रिकेट मरने के लिए कोई नहीं खेलता। बुमराह के साथ खेलकर मुझे मरना थोड़ी है, मैं क्यों खेलूंगी उसके साथ। बुमराह अगर मेरे साथ खेलेगा तो वो भी शायद मेरा स्मैश नहीं ले पाएगा।'
पॉडकास्ट के दौरान साइना ने एक और चीज बताई कि उन्हें पहले नहीं पता था कि ओलंपिक में जेवलिन थ्रो जैसा भी कोई गेम होता है। इसके बारे में उन्हें तब जानकारी हुई, जब नीरज चोपड़ा ने गोल्ड मेडल हासिल किया। वहीं, साइना ने खुद को धोनी का फैन भी बताया।