आईपीएल 2022 (IPL 2022) में कई दिग्गज खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को हैरान किया और उनमें से एक नाम दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज डेविड मिलर (David Miller) का भी रहा। मिलर गुजरात टाइटंस (GT) का हिस्सा थे और उन्होंने इस सीजन अपने बल्ले से पुराने अंदाज में बल्लेबाजी की। पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने गुजरात टाइटंस के खिताबी अभियान में मिलर को टॉप प्रदर्शन करने वालों में से एक बताया है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो पर मांजरेकर ने कहा कि पिछले कुछ सीजन से डेविड मिलर प्रभाव डालने में नाकाम रहे थे। हालाँकि उन्होंने इस सीजन गुजरात के साथ जुड़कर जबरदस्त प्रदर्शन किया।
मिलर के आईपीएल करियर का बेस्ट सीजन बताते हुए संजय मांजरेकर ने कहा,
डेविड मिलर सबसे बड़े आश्चर्य थे। उनके पहले कुछ वर्षों के अलावा, अन्य सभी सीज़न उनके लिए असफल साबित हुए थे। उन्होंने इस साल एक नई फ्रेंचाइजी के लिए खेलते हुए अचानक अच्छा प्रदर्शन किया। यह उनका सबसे अच्छा आईपीएल सीजन था। उन्होंने फाइनल में वास्तव में अच्छी बल्लेबाजी की और क्वालीफायर 1 में मैच जिताने वाली पारी भी खेली।
इस सीजन डेविड मिलर गुजरात टाइटंस के तीसरे सबसे सफल बल्लेबाज साबित हुए। उन्होंने 16 मैचों में लगभग 69 की औसत और 142.72 के स्ट्राइक रेट से 481 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने क्वालीफ़ायर 1 में 38 गेंदों में नाबाद 68 रन की मैच जिताऊ पारी खेली थी। वहीँ फाइनल में भी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ 19 गेंदों में नाबाद 32 रन का योगदान दिया।
"हम अभी भी GT को एक बड़ी टीम नहीं बुला सकते हैं"- संजय मांजरेकर
पूर्व खिलाड़ी का मानना है कि भले ही इस सीजन गुजरात टाइटंस ने ख़िताब जीता हो लेकिन उन्हें बड़े टीम बनने के लिए आगामी सीजन में अपने प्रदर्शन में निरंतरता दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस ने सालों तक अपना दबदबा बनाये रखा क्योंकि उनके पास ऐसे खिलाड़ी थे जो लगातार मैच जिता सकते थे।
उन्होंने कहा कि गुजरात और राजस्थान दोनों को ही ऐसा करना होगा। मांजरेकर ने कहा,
अगर कोई टीम जीती है, तो इसका कारण यह है कि उस विशेष सीजन में उन्हें सब कुछ ठीक मिला है। हम अभी भी जीटी को एक बड़ी टीम नहीं कह सकते। जबकि उन्होंने चैंपियनशिप जीत ली है, यह देखना बाकी है कि वे अगले साल कैसे वापसी करेंगे और प्रदर्शन करेंगे। आरआर के लिए भी वही चीज है, जिसने कई वर्षों के बाद फाइनल में जगह बनाई। अगर वे अगले साल इसी तरह का प्रदर्शन देने में सफल रहे तो हम कह सकते हैं कि दो और मजबूत टीमें आ गई हैं। जबकि CSK और MI अपने पीक पर थे, उनके पास 8-9 खिलाड़ी थे जिन्होंने उन्हें लगातार मैच जीतने में मदद की।