भारत के पूर्व बल्लेबाज संजय मांजरेकर (Sanjay Manjrekar) ने साउथैम्पटन में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के तीसरे दिन अजिंक्य रहाणे (Ajinkya Rahane) को कठिन परिस्थितियों में खुद को ढालने करने के तरीके की सराहना की। हालांकि उन्होंने कहा कि उप-कप्तान एक ऐसा शॉट खेलकर आउट हो गए जो अस्थायी था और प्रतिबद्धता से भरा नहीं था।
मांजरेकर ने ESPN से बातचीत करते हुए कहा कि मुझे लगता है कि रहाणे ने खुद को अप्लाई किया। उनको क्रेडिट मिलना चाहिए। रहाणे के बारे में बात यह है कि पिछले कुछ वर्षों में उनके लिए आउट होने का एक विशेष तरीका नहीं है। इसलिए मैंने हमेशा उनकी मनःस्थिति के साथ उनके आउट होने और कम स्कोर की दौड़ को जोड़ा है।
संजय मांजरेकर ने यह भी कहा कि जहां तक पुल शॉट की बात है, तो उसमें काफी अस्थिरता थी और विराट कोहली, या रोहित शर्मा, या शुभमन गिल या ऋषभ पंत में आप जिस तरह की प्रतिबद्धता देखते हैं, उस तरह की प्रतिबद्धता नहीं थी। यह अजिंक्य रहाणे के खेल का विस्तार था जो आम तौर पर पिछले कुछ वर्षों में थोड़ा अस्थायी और अनिश्चित था। यह आश्चर्यजनक है कि वह अभी भी भारत के कुल योग में योगदान देते हैं और वे 49 रन काफी उपयोगी पारी खेली।
कीवी टीम ने भारतीय पारी को 217 रन पर समेट दिया गया क्योंकि काइल जैमिसन ने रिकॉर्ड 5 विकेट हासिल किये। जवाब में न्यूजीलैंड तीसरे दिन स्टंप्स पर 2 विकेट पर 101 पर पहुंच गया क्योंकि भारत के गेंदबाजों ने बादल छाए रहने की स्थिति का अच्छा उपयोग नहीं किया। भारतीय गेंदबाजों को बिलकुल स्विंग नहीं मिली। न्यूजीलैंड के हर गेंदबाज ने स्विंग हासिल की।
साउथैम्पटन में चौथे दिन के खेल की शुरुआत में देरी हुई और बारिश के कारण पहला सत्र धुल गया। चौथे दिन का खेल होने के आसार काम कम नजर आ रहे हैं।