कल विराट कोहली (Virat Kohli) ने सभी को हैरान करते हुए भारत की टेस्ट कप्तानी को छोड़ने का ऐलान किया। कोहली के इस निर्णय के बाद हर तरफ प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है और इसी कड़ी में पूर्व भारतीय खिलाड़ी और क्रिकेट कमेंटेटर संजय मांजरेकर ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। मांजरेकर का मानना है कि विराट नहीं चाहते थे कि उनको कोई टेस्ट कप्तान के तौर पर हटाए।
केपटाउन टेस्ट में भारत की हार के एक दिन बाद ही विराट कोहली ने कप्तानी छोड़ने की घोषणा की। दक्षिण दौरे पर भारत ने जीत के साथ शुरुआत की थी लेकिन अंतिम दो टेस्ट में टीम का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और उनके हाथ से सीरीज जीतने का सुनहरा मौका निकल गया।
ईएसपीएन क्रिकइंफो पर विराट कोहली के निर्णय पर बात करते हुए मांजरेकर ने जिक्र किया कि पिछले कुछ समय में विराट ने सभी महत्वपूर्ण पदों को छोड़ दिया। उन्होंने कहा,
बहुत ही कम समय में उन्होंने एक के बाद एक आईपीएल की कप्तानी और फिर सफ़ेद गेंद की कप्तानी छोड़ दी। यह निणर्य भी हैरान करने वाला है, लेकिन दिलचस्प यह है कि इन तीनों महत्वपूर्ण पदों को उन्होंने बहुत ही जल्दी छोड़ा है।
मांजरेकर ने आगे कहा,
"मुझे लगता है, किसी तरह, वह खुद को कप्तान के रूप में ऐसा बनाना चाहते थे कि उन्हें कोई हटा न सके। जब भी उसे लगता है कि कप्तानी खतरे में है, तो वह छोड़ देता है।
कोहली ने खुद को कम्फर्ट जोन से बाहर पाया - संजय मांजरेकर
मांजरेकर ने यह भी दावा किया कि बीसीसीआई में बदलाव के साथ-साथ रवि शास्त्री के कोच के रूप में बाहर निकलने से कोहली अपने कम्फर्ट जोन से बाहर हो गए। उन्होंने कहा,
विराट कोहली के लिए चीजें बदल रही हैं। जब अनिल कुंबले कोच थे तो वह असहज थे और एक बार शास्त्री और सहयोगी स्टाफ के आने के बाद, उन्होंने सहज महसूस किया। नया कोच (राहुल द्रविड़) शास्त्री जैसा नहीं है। उन्हें इस बात का अंदाजा हो गया होगा कि उन्हें किस तरह का समर्थन मिलने वाला है।
बीसीसीआई में बदलाव का विराट द्वारा की गई इन सभी महत्वपूर्ण घोषणाओं से भी कुछ लेना-देना है। जाहिर है, एक आदमी जो खुद को अपने कम्फर्ट जोन से बाहर पाता है। व्यक्तिगत तौर पर उनकी बल्लेबाजी सर्वश्रेष्ठ नहीं है। इन सब पर नजर रखते हुए, वह इस समय बहुत अच्छी जगह पर नहीं है। ये सभी भावनात्मक निर्णय हैं जिन्हें कोई भी समझ सकता है।
कोहली ने भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान के रूप में अपना कार्यकाल समाप्त किया। उन्होंने 68 मैचों में टीम का नेतृत्व किया, जिनमें से 40 में जीत हासिल की।