भारत में क्रिकेट खेलने वाले हर खिलाड़ी का सपना देश के लिए खेलना होता है। हालांकि, इतने अधिक प्रतिभावान खिलाड़ियों के बीच बहुत चंद ही वैसे खिलाड़ी होते हैं जिन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल पाता है। इन्हीं चंद खिलाड़ियों में स्टार बल्लेबाज सरफराज खान (Sarfaraz Khan) का नाम जुड़ गया है, जिन्हें राजकोट में इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में डेब्यू करने का मौका मिला है। सरफराज का डेब्यू देख उनके पिता नौशाद खान काफी भावुक नजर आए। बेटे के डेब्यू के बाद नौशाद कमेंट्री टीम में भी नजर आए, जहां उन्होंने एक ऐसी शानदार शायरी पढ़ी जो काफी चर्चा में आ गई है।
अपने बेटे सरफराज खान को डेब्यू टेस्ट कैप मिलने के बाद नौशाद इतने इमोशनल हो गए थे कि उनकी आंखों से आंसू आ रहे थे। वहीं, मैच के बीच नौशाद को हिंदी कमेंट्री टीम में भी बुलाया गया, जहां भारत के पूर्व क्रिकेटर आकाश चोपड़ा ने सरफराज के पिता से सवाल पूछा कि क्या बेटे के डेब्यू के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा?’
इसके जवाब में नौशाद खान ने शायराना अंदाज में कहा, ‘रात को वक्त चाहिए गुजरने के लिए लेकिन सूरज मेरी मर्जी से नहीं निकलने वाला।’
नौशाद की यह शायरी सरफराज के उन संघर्षों को बताती है, जो उन्होंने भारतीय टीम में शामिल होने के लिए अब तक किये थे। भारत के लिए डेब्यू करना सरफराज ही नहीं, उनके पिता के लिए भी बहुत खास है। दरअसल, नौशाद पिता होने के साथ-साथ दाएं हाथ के बल्लेबाज के कोच भी हैं। उनके मार्गदर्शन में ही सरफराज इतनी सफलता हासिल कर पाए हैं।
आपको बता दें कि सरफराज खान को डेब्यू टेस्ट कैप भारत के पूर्व महान फिरकी गेंदबाज अनिल कुंबले ने दी। सरफराज ने भी डेब्यू पर निराश नहीं किया और खबर लिखे जाने तक अपना अर्धशतक पूरा कर लिया था।