Sarfaraz Khan's test spot in danger: बुची बाबू क्रिकेट टूर्नामेंट 2024 में कई बड़े खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान मंगलवार (27 अगस्त) को मुंबई और तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के बीच मुकाबला खेला जा रहा है। इस मैच में तीन ऐसे खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं, जो बांग्लादेश के खिलाफ आगामी 19 सितंबर से शुरू हो रही दो टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए भारतीय टीम में अपनी जगह पक्की करना चाहेंगे। इसके लिए इन तीनों ही खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करना होगा।
बता दें कि बुची बाबू टूर्नामेंट के लिए चयनित मुंबई टीम में कप्तान सरफराज खान के अलावा सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर को भी जगह मिली है। ऐसे में जहां एक ओर सरफराज खान और श्रेयस अय्यर भारतीय टेस्ट स्क्वाड में अपनी जगह बरकरार रखने के इरादे से उतरेंगे, वहीं सूर्यकुमार यादव का ध्यान टीम में अपनी जगह एक बार फिर से बनाने पर होगा। भारतीय टीम ने अपना आखिरी टेस्ट मैच इसी साल 25 जनवरी से 11 मार्च के बीच आयोजित इंग्लैंड के खिलाफ 5 मैचों की सीरीज में खेला था। इस सीरीज में श्रेयस ने सभी मुकाबले नहीं खेले थे, जबकि सरफराज खान को रिप्लेसमेंट के रूप में शामिल किया गया था। वहीं, सूर्यकुमार यादव स्क्वाड का हिस्सा नहीं थे।
जानें कितनी मुश्किल है Sarfaraz Khan की राह?
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज से डेब्यू करने वाले सफराज खान के लिए बांग्लादेश सीरीज के लिए अपनी जगह बरकरार रखना मुश्किल हो सकता है। इसकी वजह उस सीरीज में गैरमौजूद खिलाड़ियों का उपलब्ध होना है। ऐसे में सरफराज खान, सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर में से किसी एक बल्लेबाज को ही भारतीय टेस्ट स्क्वाड में एंट्री मिल सकती है। इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में सरफराज ने 3 मैच की 5 पारियों में बल्लेबाजी करते हुए 50 की औसत से 200 रन बनाए थे।
सरफराज खान को कड़ा मुकाबला देने वाले श्रेयस अय्यर 14 टेस्ट मैच खेलते हुए 36.86 की औसत से 811 रन बना चुके हैं। इन दोनों की तुलना में सूर्यकुमार यादव का टीम इंडिया के लिए टेस्ट अनुभव कम है और उन्होंने सिर्फ एक ही मुकाबला खेला है। हालांकि, सूर्यकुमार ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छा किया है और 82 मुकाबले खेलते हुए 43.62 की औसत से 5628 रन बना चुके हैं।