टीम इंडिया में कोच के चयन को लेकर चल रही खींचतान की खबरों के बाद पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने विराट कोहली का पक्ष लिया है। उन्होंने कहा है कि कप्तान होने के नाते विराट कोहली के पास कोच चयन प्रक्रिया पर अपनी राय देने का पूरा अधिकार है। बीते दिनों कोहली ने भारतीय टीम के मुख्य कोच के लिए रवि शास्त्री को बनाए रखने की वकालत की थी। उनका कार्यकाल इस हफ्ते शुरू हो रहे वेस्टइंडीज दौरे के साथ खत्म हो जाएगा।
गांगुली ने बांग्ला फुटबॉल लीग के पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान कहा कि विराट कोहली कप्तान हैं इसलिए उनके पास अपनी इच्छा जाहिर करने का पूरा अधिकार है। सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ के आठ महीने के निलंबन को लेकर गांगुली ने कहा कि खांसी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ड्रग्स में विभिन्न तरह के पदार्थ हो सकते हैं। मुझे नहीं पता कि पृथ्वी शॉ के मामले में क्या हुआ। मालूम हो कि क्रिकेट में कोच और कप्तान का बढ़िया तालमेल होना कितना जरूरी है, इससे सौरव गांगुली भलिभांति वाकिफ हैं। कोच को लेकर उनका अच्छा अनुभव है। कोच ग्रेग चैपल के साथ उनके विवाद ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं। वह अच्छी तरह से जानते हैं कि कोच और कप्तान के बीच सही सामंजस्य न होने पर क्या समस्या होती हैं।
सौरव गांगुली उस चयन समिति (सीएसी) का हिस्सा थे, जिसने 2017 में रवि शास्त्री को मुख्य कोच के रूप में चुना था। इस समिति के अन्य सदस्यों के रूप में सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण थे। अब प्रशासकों की समिति (सीओए) द्वारा गठित की गई नई क्रिकेट सलाहकार समिति टीम के मुख्य कोच का चुनाव करेगी। इसमें भारत को पहला विश्वकप दिलाने वाले कप्तान कपिल देव, पूर्व कोच अंशुमन गायकवाड़ और भारतीय महिला टीम की पूर्व कप्तान शांथा रंगास्वामी हैं। इन तीनों ने ही महिला टीम के कोच का चयन किया था। अब ये 14 और 15 अगस्त को मुख्य कोच पद के लिए आवेदन करने वाले तीन खिलाड़ियों का साक्षात्कार ले सकते हैं।
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