पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी (Shahid Afridi) ने उन दिनों को याद किया है जब पाकिस्तान में क्रिकेट के हालात काफी बुरे थे। 2009 में श्रीलंकाई टीम पर हुए हमले के बाद से पूरी तरह से हालात बदल गए थे और पाकिस्तान में क्रिकेट बंद हो चुका था। शाहिद अफरीदी के मुताबिक उस वक्त हम अपने मैदानों में खेल भी नहीं सकते थे और ग्राउंड्स में शादियों के पांडाल लगने लगे थे।
दरअसल 2009 में पाकिस्तान में एक जबरदस्त आतंकवादी हमला हुआ। आतंकवादियों ने उस वक्त पाकिस्तान टूर पर गई श्रीलंकाई टीम के बस पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं जिसमें श्रीलंका के कई खिलाड़ी घायल हो गए थे। इसके बाद से पाकिस्तान में इंटरनेशनल मैचों का आयोजन बंद हो गया था। टीमों ने पाकिस्तान का दौरा करने से इनकार कर दिया था। हालांकि अब पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी हो चुकी है और टीमें वहां का दौरा करने लगी हैं।
पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी के लिए काफी मेहनत की गई - शाहिद अफरीदी
शाहिद अफरीदी ने बताया कि पाकिस्तान को किस तरह से कुछ साल पहले काफी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करना पड़ा था। उन्होंने समा टीवी पर बातचीत के दौरान कहा,
हमारे ग्राउंड्स शादी हाल में बदल दिए गए थे। हम अपने मैदानों में खेलना चाहते थे। ये पाकिस्तान क्रिकेट के लिए काफी मुश्किल समय था। हमें क्राउड की कमी काफी खल रही थी। जिन लोगों ने दोबारा पाकिस्तान में क्रिकेट की वापसी कराई उन्होंने काफी मेहनत की और काफी कोशिश की। बोर्ड और सरकार ने काफी अहम रोल अदा किया। जब हम बाहर खेलने जाते थे तो वहां के क्रिकेटरों को मनाने की कोशिश करते थे कि वो पाकिस्तान में खेलने के लिए आएं। जब क्रिकेट की वापसी हुई तो फिर पाकिस्तान की तरफ से एक बेहतरीन मैसेज भेजा गया कि हम अपने ग्राउंड्स में क्रिकेट खेलना और देखना चाहते हैं।