मैदान में जब यह खिलाड़ी बल्ला थामकर आता था तो दर्शक दीर्घा से बूम-बूम की आवाज आने लगती थी। हर कोई उनकी बल्लेबाजी का कायल था। पूर्व पाकिस्तानी खिलाड़ी शाहिद अफरीदी ने कई बार अपने देश को फंसे हुए मैचों में गेंदबाजी करके भी संकट से बाहर निकाला है। क्रिकेट के एक कंप्लीट एंटरटेनर शाहिद अफरीदी को उनके बड़बोलेपन और मैदान पर किसी ना किसी से विवाद की वजह से भी पहचाना जाता था। अब उन्होंने दुनियाभर के क्रिकेट प्रेमियों के सामने एक खुलासा किया है, जिसने सभी को चौंका दिया है। उन्होंने बताया कि उनका जन्म आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार 1980 में नहीं बल्कि 1975 में हुआ था। यह खुलासा शाहिद ने अपनी आत्मकथा 'अ गेम चेंजर' में किया है।
शाहिद अफरीदी की जन्मतिथि पहले एक मार्च 1980 बताई जा रही थी। अब उनकी ऑटो बायोग्राफी में ही इस झूठ से पर्दा उठ गया है। अफरीदी ने अपनी किताब में एक जगह लिखा है कि उनका जन्म 1975 में हुआ था। यानी, उनकी मौजूदा उम्र 39 साल नहीं बल्कि 44 साल है। यही नहीं, अभी तक जो माना जा रहा था कि अफरीदी ने नैरोबी (केन्या) में 16 साल की उम्र में अपने करियर का आगाज किया था। साथ ही इस सीरीज में श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंदों पर सबसे तेज शतक लगाने का जो रिकॉर्ड 16 साल की उम्र में लगाने का दावा किया जा रहा था वो भी सरासर गलत था। दरअसल, किताब में उन्होंने दावा किया है कि उस वक्त वह 19 साल के थे न कि 16 साल के। वैसे शाहिद के बाद यह रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज एबी डिविलियर्स ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 30 गेंदों पर शतक जड़कर अपने नाम कर लिया था।
शाहिद अफरीदी ने किताब में एक जगह लिखा है कि रिकॉर्ड के लिए मैं बताना चाहता हूं कि जब मैंने क्रिकेट का आगाज किया था, तब मैं 19 साल का था न कि 16 साल का, जैसा लोग कहते हैं। मेरा जन्म 1975 को हुआ था। प्रशासन ने मेरी उम्र गलत लिख दी थी। अफरीदी ने अपने बयान में एक बड़ी गलती कर दी है। अगर वह 1975 को जन्मे हैं तो वह नैरोबी में खेलने के दौरान 19 साल के नहीं बल्कि करीब 21 साल के थे। इस तरह उन्होंने 36 साल नहीं बल्कि 41 साल की उम्र में क्रिकेट से संन्यास लिया था।
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