फिटनेस के लिहाज से भारतीय टीम के खिलाड़ी बेहद चुस्त और दुरुस्त माने जाते हैं। खासकर कि विराट कोहली। वह अपनी फिटनेस को दूसरे स्तर पर ही ले गए हैं। दुनिया उनकी फिटनेस की दीवानी है। भारतीय टीम जब फिटनेस कल्चर डेवलप करने के बारे में सोच रही थी, तब शंकर बासु टीम से जुड़े। वह टीम की फिटनेस को नए स्तर पर ले गए और अमूल-चूल परिवर्तन किए। उन्होंने हाल ही में विराट कोहली की फिटनेस की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि वह अपनी फिटनेस को लेकर बेहद जुनूनी हैं। उन्होंने कभी कोई बहाना नहीं बनाया।
50 वर्षीय शंकर बासु का कार्यकाल विश्वकप के साथ ही समाप्त हो गया। उन्होंने कहा कि कोहली जैसे कप्तान की मौजूदगी में मैं अपने काम को अधिक प्रभावशाली तरीके से कर पाया। आप जब उसके जैसे किसी खिलाड़ी को देखते हैं तो प्रेरित हुए बिना नहीं रह सकते हैं। वह शायद ही कभी आनाकानी करे। मैंने पिछले दो साल में उन्हें एक बार भी बहाना बनाते हुए नहीं देखा।
बासु ने कहा कि मैं सही समय पर टीम से जुड़ा था। उस वक्त भारतीय टीम बदलाव चाहती थी और मुझे यह जिम्मेदारी सौंपी गई, ताकि मैं फिटनेस का नया कल्चर डेवलप करूं। मैंने इसके लिए कड़ी मेहनत की। मैंने ऐसे कोचिंग और सहयोगी स्टाफ के साथ काम किया, जिसने मुझे ट्रेनिंग के दौरान स्वतंत्र फैसले लेने की छूट दी। मुझे सबसे ज्यादा खुशी जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार और मोहम्मद शमी के फिटनेस स्तर पर हुए बदलाव को देखकर हुई।
भारतीय टीम के साथ बासु का अनुबंध 30 जुलाई को ही खत्म हुआ है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में फिटनेस कल्चर को बदलना मुश्किल था। अब 90 प्रतिशत टीम पेशेवर तरीके से ट्रेनिंग करती है। हर टीम में एक या दो खिलाड़ी ऐसे होते हैं, जिन पर खास ध्यान देना होता है। मेरी नजर में रविंद्र जडेजा असली एथलीट है। वह अपने शरीर के बारे में जानता है। यही वजह है कि वह दुनिया का सर्वश्रेष्ठ क्षेत्ररक्षक है।
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