भारतीय टीम (Indian Cricket Team) के प्रमुख खिलाड़ी शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) ने अपनी बल्लेबाजी को लेकर बड़ी प्रतक्रिया दी है। शार्दुल ठाकुर ने बताया कि कब उन्होंने अपनी बैटिंग को सीरियस लेना शुरू किया था। उन्होंने बताया कि एंकल इंजरी के बाद उन्होंने बैटिंग पर काम करना शुरू कर दिया था।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ खास बातचीत में शार्दुल ठाकुर ने कहा कि अपने करियर के शुरूआती दौर में वो एक बल्लेबाज के तौर पर प्रभावित नहीं कर पाए थे। हालांकि 2019 में जब वो इंजरी का शिकार हुए तब उन्हें बैटिंग का महत्व समझ आया और उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देना शुरू कर दिया। शार्दुल ठाकुर ने कहा,
जब मैं दो साल पहले एंकल इंजरी का शिकार हुआ था तब मैंने फैसला किया था कि मुझे अपनी बल्लेबाजी को सीरियस लेना है। मेरे अंदर वो क्षमता थी और मैं लोअर मिडिल ऑर्डर में अपना योगदान देना चाहता था। मैंने अपने आप से कहा कि कुछ भी हो जाए बैटिंग में अच्छा करना है। उससे पहले मेरे पास कुछ मौके आए थे लेकिन मैं उस वक्त बल्ले से अपना योगदान नहीं दे पाया था। मैंने अपने आप से कहा कि ऐसा नहीं चलेगा।
थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट के साथ प्रैक्टिस करके बैटिंग में किया सुधार - शार्दुल ठाकुर
शार्दुल ठाकुर ने आगे बताया कि भारतीय टीम में वापसी के बाद उन्होंने थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट रघू और नुवान के खिलाफ प्रैक्टिस करना शुरू किया। शुरूआत में पेस से थोड़ा उन्हें दिक्कत हुई लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने अपनी लय पकड़ ली। शार्दुल ने कहा,
अगर कोई खिलाड़ी लोअर ऑर्डर में अपना योगदान देता है तो फिर इससे काफी मदद मिलती है। कई बार 40-50 रन काफी बड़ा फर्क पैदा कर देते हैं। जब मैंने इंडियन टीम में वापसी की थी तो थ्रो डाउन स्पेशलिस्ट रघू और नुवान के साथ प्रैक्टिस किया था। शुरूआत में पेस की वजह से मैं उन्हें नहीं खेल पा रहा था। इसके बाद मैंने अपने फुटवर्क पर काम किया और धीरे-धीरे मेरी बैटिंग बेहतर होती चली गई।