ऐसा बहुत कम देखा जाता है कि किसी क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में किसी गेंदबाज को नियुक्त किया जाए। ज्यादातर या अमूमन यही देखा जाता है कि कप्तानी का जिम्मा बल्लेबाजों को ही दिया जाता है। लेकिन क्रिकेट जगत में कुछ अपवाद हैं, जहां किसी गेंदबाज को उनकी नेशनल टीम की अगुवायी करते हुए लंबे समय तक देखा गया है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया ने तेज गेंदबाज पैट कमिंस को टेस्ट कप्तान बनाया तो भारत के लिए भी तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह को टेस्ट कप्तानी देने की बातें सुनने को मिल रही हैं। इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) ने भी तेज गेंदबाजों को कप्तान बनाए जाने का समर्थन किया है।
शोएब अख्तर ने एक इंटरव्यू के दौरान फिर से तेज गेंदबाजों को कप्तान बनाये जाने की संभावनाओं पर अपने विचार व्यक्त किये हैं। शोएब अख्तर इन दिनों ओमान में लीजेंड्स लीग क्रिकेट में खेलते नजर आ रहे हैं, जो एशिया लॉयंस की टीम का हिस्सा हैं।
इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए अख्तर ने कहा,
ऐसा माना जाता है कि बल्लेबाज तेज गेंदबाजों से ज्यादा चालाक होते हैं। हालांकि, ऐसा नहीं है। दोनों अच्छे हैं। तेज गेंदबाजों में मोटिवेशन ज्यादा होता है क्योंकि वे विकेट लेकर मैच खत्म करना चाहते हैं। तेज गेंदबाजों की आक्रामक मानसिकता होती है। मेरा हमेशा से मानना रहा है कि बल्लेबाजों की रक्षात्मक मानसिकता होती है। पाकिस्तान और भारत ने 1980 और 90 के दशक में तेज गेंदबाजों को कप्तान नियुक्त करने की प्रथा शुरू की थी। कपिल देव भी एक तेज गेंदबाज थे।
रोहित शर्मा हैं कप्तानी के बेहतर विकल्प
इसके बाद शोएब अख्तर ने विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने को लेकर भी बात की जिसमें कहा,
हर कोई जानता है कि उसके साथ क्या हो रहा है और कौन कर रहा है। मुझे कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। उन्होंने छह-सात साल कप्तानी की। मैं उनकी कप्तानी के पक्ष में नहीं था। मैं बस यही चाहता था कि वो शतक बनाते रहें। उसे सिर्फ अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने दें। उसे अभी रन बनाने दें।
भारत के अगले टेस्ट कप्तान को लेकर शोएब अख्तर ने बात रखी और कहा,
मुझे लगता है कि फिलहाल के लिए रोहित शर्मा सही विकल्प होंगे। अगर वह इस दबाव के आगे नहीं झुके तो अच्छा है।