"2011 वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में मिली हार मुझे अभी भी सताती है" - शोएब अख्तर ने किया बड़ा खुलासा 

शोएब अख्तर को भारत के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला था
शोएब अख्तर को भारत के खिलाफ खेलने का मौका नहीं मिला था

2011 वर्ल्ड कप (World Cup) भारतीय क्रिकेट इतिहास में हमेशा ही खास जगह रखेगा। इस टूर्नामेंट को जीतकर भारत ने 28 साल के वनडे वर्ल्ड कप के सूखे को खत्म किया था। फाइनल मुकाबले में श्रीलंका को हराने से पहले भारतीय टीम ने मोहाली में खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले में चिरप्रतिद्वंदी पाकिस्तान को मात दी थी। इस मुकाबले में पाकिस्तान ने दिग्गज तेज गेंदबाज शोएब अख्तर (Shoaib Akhtar) को नहीं खिलाया था। इस मुकाबले में न खेलने का अफ़सोस अख्तर को आज भी है। अख्तर का अभी भी मानना है कि अगर वह भारत के खिलाफ खेले होते, तो पाकिस्तान फाइनल में पहुँच सकता था।

दिग्गज तेज गेंदबाज ने दावा किया कि उन्हें भारत की सलामी जोड़ी सचिन तेंदुलकर और वीरेंदर सहवाग की कमजोरी पता थी और इसी वजह से वह उन दोनों को सस्ते में आउट कर सकते थे।

स्पोर्ट्सकीड़ा से बात करते हुए सेमीफाइनल में पाकिस्तान की हार को लेकर अख्तर ने कहा,

मोहाली की याद मुझे सताती है, 2011 विश्व कप सेमीफाइनल। मुझे पता था कि 1.3 अरब लोगों के रूप में भारत जबरदस्त दबाव में था और मीडिया का भी प्रेशर था। इसलिए तब हम अंडरडॉग थे और हमें दबाव नहीं लेना चाहिए था। मैं बहुत दुखी था क्योंकि अगर मैं वह मैच खेलता तो सहवाग और सचिन को आउट कर देता। मुझे पता था कि अगर हम इन दोनों खिलाड़ियों को अगर जल्दी आउट कर देते हैं तो भारत का पतन हो जाएगा।

अख्तर ने आगे यह भी कि पाकिस्तान को हारते हुए देखने पर उनकी क्या भावनाएं थी। उन्होंने कहा,

मैं सिर्फ इतना जानता हूं कि कैसे मैंने वो छह घंटे पाकिस्तान को हारते हुए देखे। मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं जो रोता है लेकिन मैं चीजों को तोड़ देता हूं। इसलिए मैंने ड्रेसिंग रूम में कुछ चीजें तोड़ीं। मैं बहुत गुस्से में और निराश था और ऐसा ही मेरा पूरा देश था। यह पहले दस ओवर का खेल था।

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टीम मैनेजमेंट ने मुझे अनफिट बताया - शोएब अख्तर

अख्तर का मानना है कि 2011 वर्ल्ड कप जीतने के लिए पाकिस्तानी टीम सभी विभागों में कवर थी। हालांकि, जब टीम मैनेजमेंट ने उन्हें बताया कि वह सेमीफाइनल के लिए अनफिट हैं, तो उन्हें निराशा हुई। इस पर शोएब अख्तर ने कहा,

उन्हें मुझे खिलाना चाहिए था। मैनेजमेंट ने मुझे नहीं खिलाया और यह मेरे साथ अन्याय था। मेरे पास बस ये दो मैच थे और मैं चाहता था कि वानखेड़े में पाकिस्तान का झंडा ऊंचा लहराए। उन्होंने मुझे बताया कि मैं अनफिट था, लेकिन मैंने अभ्यास में आठ ओवर फेंके। इससे मुझे बहुत दुख हुआ।

आपको बता दें कि भारत बनाम पाकिस्तान सेमीफाइनल मुकाबले में मेजबान भारतीय टीम ने सचिन तेंदुलकर के 85 रनों की मदद से नौ विकेट पर 260 रनों का स्कोर खड़ा किया था। जवाब में पाकिस्तान की टीम एक गेंद शेष रहते 231 के स्कोर पर आउट हो गई और भारत ने 29 रन से जीत हासिल की।

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Edited by Prashant Kumar