सनराइजर्स हैदराबाद (Sunrisers Hyderabad) के बल्लेबाज श्रीवत्स गोस्वामी (Shreevats Goswami) यह मानते हैं कि हैदराबाद की टीम अन्य टीमों की तरह नहीं है क्योंकि वे खुद के बारे में दिखावा या डींग नहीं मारते हैं। गोस्वामी के अनुसार सनराइजर्स की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वे बिना कोई उपद्रव किए चुपचाप और शांति से गेम खेलते हैं। सनराइजर्स 2013 में इंडियन प्रीमियर लीग का हिस्सा बनी जब उन्होंने डेक्कन चार्जर्स की जगह ली। डेक्कन चार्जर्स का फ्रेंचाइजी अनुबंध समाप्त कर दिया गया था।
सनराइजर्स ने दो फाइनल खेले हैं और एक जीता है। वास्तव में टीम ने 2016 के बाद से हर सत्र में टूर्नामेंट के प्ले-ऑफ चरण के लिए क्वालीफाई कर लिया है। हैदराबाद की सफलता के पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि उनकी नीलामी की रणनीति थिंक टैंक बनाता है जिसका श्रेय उन्हें जाता है।
श्रीवत्स गोस्वामी का बयान
गोस्वामी ने ESPN से बातचीत में कहा कि सनराइजर्स हैदराबाद की सबसे बड़ी ताकत यह है कि हम चुपचाप और शांति से अपना काम करने के लिए जाते हैं। हम अन्य टीमों की तरह नहीं हैं क्योंकि हम अपने बारे में दिखावा या डींग नहीं मारते। हम बस शांति से मुकाबला खेलते हैं। मेरे पास आईपीएल में खेलने के ज्यादा अवसर नहीं आए हैं, इसलिए किसी एक टीम को चुनना मुश्किल है क्योंकि मैं किसी भी टीम के खिलाफ खेलना चाहता हूं लेकिन अगर आप मुझे एक ही चुनना है, तो मैं रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर को चुनूंगा, क्योंकि यह पहली टीम थी जिसके लिए मैंने आईपीएल खेला।
सनराइजर्स हैदराबाद की टीम 2016 में चैम्पियन बनी थी। पिछले सीजन में भी इस टीम ने अंतिम मुकाबलों में धाकड़ खेल के दम पर प्लेऑफ़ तक का सफर तय किया था। इस बार भी टीम से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है। कुछ नए नाम इस टीम में शामिल किये गए हैं।