Sourav Ganguly top 3 Controversies: भारत के क्रिकेट इतिहास में जब भी आप सफल कप्तानों की सूची पर नज़र डालेंगे, सौरव गांगुली का नाम ज़रूर दिखाई देगा। गांगुली अपने नाम के साथ-साथ अपने काम और मैदान पर साफ दिल से खेल के प्रति समर्पण और किसी भी गलत एक्शन पर अपने रिएक्शन के लिए जाने जाते हैं। वह उन कप्तानों में से एक हैं जो अपनी टीम के साथ हमेशा खड़े नज़र आते हैं। आज सौरव गांगुली अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर हम आपको उनके करियर से जुड़े कुछ टॉप विवादों के बारे में बताएंगे।
सौरव गांगुली के करियर से जुड़े टॉप 3 विवाद
3. सौरव गांगुली और मैच रेफरी माइक डेनिस के बीच हुई थी तनातनी
ये किस्सा बेहद मशहूर और दुखद है। 2001 में भारतीय टीम जब पोर्ट एलिजाबेथ टेस्ट मैच के दौरान दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैदान में उतरी थी, तब मैच रेफरी माइक डेनिस और सौरव गांगुली के बीच खेल को लेकर बहस हुई। इस घटना का असर सभी खिलाड़ियों पर पड़ा। डेनिस ने गांगुली को सभी के सामने अपनी टीम के खिलाड़ियों पर नियंत्रण न रख पाने का आरोप लगाया और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को बॉल टैंपरिंग का दोषी तक ठहराया था। इसके साथ ही, खिलाड़ियों को एक-एक टेस्ट मैच के लिए निलंबित भी कर दिया था। इसके बाद गांगुली पूरी टीम को पवेलियन ले जाने लगे लेकिन फिर किसी तरह समझाने पर माने थे।
इसके बाद बीसीसीआई ने सेंचुरियन टेस्ट में डेनिस को मैच रेफरी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया। आईसीसी ने सहवाग को छोड़कर बाकी सभी की सजा खत्म कर दी, लेकिन डेनिस को हटाने से मना कर दिया। साथ ही कहा कि अगर दक्षिण अफ्रीका और भारत आपसी सहमति से बिना डेनिस के यह टेस्ट खेलेंगे तो इसे आधिकारिक नहीं माना जाएगा। दोनों टीमों ने डेनिस के बिना ही खेला और आज तक आईसीसी इस टेस्ट को आधिकारिक नहीं मानता है।
2. विराट और गांगुली के बीच आई थी दरार
यह घटना ज्यादा पुरानी नहीं है, इसलिए हो सकता है कि यह आपके ज़ेहन में ताज़ा हो। विराट कोहली का हर प्रशंसक इस मामले से वाकिफ होगा। यह बात 2021 की है, जब विराट ने टी20 की कप्तानी छोड़ी थी। हालांकि, विराट वनडे और टेस्ट की कप्तानी नहीं छोड़ना चाहते थे, जिसके बाद तत्कालीन बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली और उस समय के चीफ सेलेक्टर चेतन शर्मा के साथ कप्तानी को लेकर विवाद हो गया था। इस घटना ने विराट और गांगुली के बीच एक दरार पैदा कर दी थी। इसी दौरान बीसीसीआई ने विराट की जगह रोहित शर्मा को वनडे और टी20 की कप्तानी सौंप दी। इसके बाद कोहली ने खुद ही टेस्ट की कप्तानी छोड़ दी थी।
1. सौरव गांगुली और कोच ग्रेग चैपल के बीच हुआ था मतभेद
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच ग्रेग चैपल की क्रिकेट से जुड़ी सोच और जानकारी काफी बेहतरीन थी। खुद सौरव गांगुली ने उन्हें जॉन राइट के बाद भारतीय टीम का नया हेड कोच नियुक्त करवाने में अहम भूमिका निभाई। गांगुली का मानना था कि चैपल की कोचिंग से टीम को बेहतरीन मार्गदर्शन मिलेगा। लेकिन 2005 में कोच बनने के बाद चैपल ने टीम में खिलाड़ियों के बीच फूट डालना शुरू कर दिया, जिसका असर सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और बाकी टीम के खिलाड़ियों पर भी पड़ा।
मतभेद बढ़ने के बाद, चैपल ने बीसीसीआई के कुछ अधिकारियों के साथ मिलकर गांगुली के मनमाने व्यवहार का मुद्दा उठाया और उन्हें कप्तानी से हटाने के साथ ही टीम से भी बाहर करवा दिया। हालांकि, गांगुली ने बाद में टीम में वापसी की। ये पूरा मामला गांगुली के करियर में बड़ी हाईलाइट कहा जा सकता है।