आईपीएल में इस साल स्पिनरों को मिल सकती है मदद

राशिद खान
राशिद खान

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आईपीएल का नया सीजन यूएई में खेला जाएगा। सितम्बर में शुरू होने वाले आईपीएल को लेकर कई सवाल भी फैन्स और विशेषज्ञों के मन में होंगे। भारत की तुलना में आईपीएल यूएई में कैसा होगा और यह फैसला कितना कारगर होगा आदि चीजें देखने लायक होगी। आईपीएल पहले भी एक बार यूएई में हो चुका है।

साल 2014 में जब भारत में लोकसभा चुनाव थे उस समय यूएई में आईपीएल के बीस मुकाबले खेले गए थे। उस समय यही देखा गया था कि मैचों में स्कोर ज्यादा बड़ा नहीं बनता। एक वजह वहां बड़े मैदान होना भी है। यूएई में तीनों मैदानों की लम्बाई बड़ी है। शारजाह अपेक्षाकृत थोड़ा छोटा है। इस बार आईपीएल में स्पिनरों को मदद मिलने की पूरी सम्भावना है।

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आईपीएल में पिचें समय के साथ होगी धीमी

यूएई में तीन ही मैदानों पर मुकाबले खेले जाएंगे ऐसे में उन्हीं पिचों को ठीक करते हुए हर बार इस्तेमाल किया जाएगा। समय के साथ ही पिचों में धीमापन आएगा और गेंद बल्ले पर आसानी से नहीं आएगी इससे बड़े स्कोर नहीं बनेंगे। स्पिनरों के लिए इसमें खासी मदद हो सकती है। इससे एक चीज यह भी होगी कि स्कोर भी ज्यादा बड़े नहीं बनेंगे।

धोनी-रोहित
धोनी-रोहित

आईपीएल में 145 से 150 का औसत स्कोर देखने को मिल सकता है। यूएई में 2018 में वनडे प्रारूप के एशिया कप में भी स्कोर 220 से 230 के बीच देखने को मिला था, इससे साफ़ यही पता चलता है कि वहां स्पिनरों के लिए खासी मदद हो सकती है। आईपीएल में लगभग हर टीम के पास बेहतरीन स्पिनर मौजूद हैं। 2014 के आईपीएल में भी कम स्कोर ही देखने को मिले थे।

अबुधाबी और दुबई में मैदानों की बाउंड्री भी काफी लम्बी है। जो शॉट सही टाइमिंग के साथ नहीं खेला जाएगा, उसमें कैच होने के आसार ज्यादा रहेंगे। बड़े स्कोर से टीमों को रोकने में मैदानों की लम्बाई भी एक बड़ी भूमिका निभाएगी। देखा जाए तो बल्लेबाजों को सोच और समझ के साथ मेहनत करने की आवश्यकता ज्यादा होगी। उचित रणनीति स्पिनरों के खिलाफ बनाने से ही बल्लेबाजों को सफलता मिलने की उम्मीद की जा सकती है।

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Edited by निरंजन
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