खिलाड़ियों के संन्यास से तंग आकर श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने बनाया एक कठोर नियम

श्रीलंका के कुछ खिलाड़ी अचानक संन्यास लेते देखे गए हैं
श्रीलंका के कुछ खिलाड़ी अचानक संन्यास लेते देखे गए हैं

श्रीलंका क्रिकेट ने संन्यास लेने वाले खिलाड़ियों के लिए एक नया नियम लागू किया है। खिलाड़ी अब रिटायर होने के लिए तीन महीने का नोटिस देंगे। इसके अलावा उन्हें एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए छह महीने इंतजार करना होगा। इसके बाद ही वे अन्य देशों की टी20 लीग में खेल सकते हैं। इसके अलावा उनको लंका प्रीमियर लीग खेलने की योग्यता हासिल करने के लिए 80 फीसदी घरेलू क्रिकेट खेलना होगा।

यह निर्णय दनुष्का गुणाथिलका और भानुका राजपक्षे के अचानक संन्यास के बाद लिया गया है। भानुका ने अपने पूरे अंतरराष्ट्रीय करियर को अलविदा कह दिया। वहीँ गुणाथिलका ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कहा है। ESPN की रिपोर्ट के अनुसार कुछ अन्य खिलाड़ियों द्वारा भी संन्यास की तैयारी की अफवाहें फ़ैल रही है। अविष्का फर्नान्डो ने सोशल मीडिया पर आकर मीडिया की खबरों को बेबुनियाद बताते हुए खण्डन भी किया है। उन्होंने कहा कि किसी भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आ रही चीजों पर भरोसा न करें, मैं किसी भी प्रारूप से संन्यास लेने के बारे में नहीं सोच रहा हूँ।

खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच विवाद भी रहा है
खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच विवाद भी रहा है

श्रीलंका क्रिकेट ने एक रिलीज जारी करते हुए बताया कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से रिटायर होने वाले खिलाड़ियों को अपने संन्यास के इरादे के बारे में बोर्ड को तीन महीने पहले बताना होगा। इसके अलावा उनको अन्य देशों की टी20 लीग में खेलने के लिए एनओसी तभी मिलेगी जब उनके संन्यास के समय को छह महीने हो गए हों। इसके अलावा यह भी कहा गया कि संन्यास ले चुके राष्ट्रीय खिलाड़ियों को एलपीएल जैसी स्थानीय लीगों के लिए तभी योग्य माना जाएगा, जब उन्होंने लीग के आयोजन से पहले आयोजित घरेलू क्रिकेट प्रतियोगिताओं में 80 फीसदी मैच खेले हों।

गौरतलब है कि श्रीलंका क्रिकेट से कुछ खिलाड़ियों ने संन्यास लिया है, वहीँ कुछ खिलाड़ी खेलने के लिए देश छोड़कर अमेरिका में गए हैं। इन सब चीजों को ध्यान में रखते हुए बोर्ड ने यह नियम बनाया है।

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