श्रीलंका का दिग्गज खिलाड़ी राष्ट्रीय अनुबंध से बाहर, 18 खिलाड़ियों ने माना अनुबंध

श्रीलंका के लिए वार्षिक अनुबंध पर साइन करने वालों में एंजेलो मैथ्यूज का नाम नहीं है
श्रीलंका के लिए वार्षिक अनुबंध पर साइन करने वालों में एंजेलो मैथ्यूज का नाम नहीं है

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श्रीलंका के 18 क्रिकेटरों ने इस साल के लिए अनुबंध पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। एंजेलो मैथ्यूज अनुबंध करने वाले खिलाड़ियों में शामिल नहीं है। इससे पहले खिलाड़ियों ने अनुबंध में पारदर्शिता नहीं होने का आरोप लगाते हुए साइन करने से मना कर दिया था। इसके बाद श्रीलंका क्रिकेट ने सीरीज दर सीरीज अनुबंध करने का फैसला लिया था।

श्रीलंका क्रिकेट ने मई में पांच सूत्रीय ग्रेडिंग प्रणाली का खुलासा किया था, जिसमें अनुबंधों की संख्या 32 से घटाकर केवल 24 कर दी गई थी। इसके बाद अनुबंध को लेकर खिलाड़ियों और बोर्ड के बीच गतिरोध बन गया। इसे देखते हुए एक अस्थायी व्यवस्था के तहत इंग्लैंड टूर और भारत के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए टूर अनुबंध करने का निर्णय श्रीलका बोर्ड ने लिया।

अब राष्ट्रीय अनुबंध 1 अगस्त से लेकर 31 दिसम्बर तक मान्य होगा। इससे पहले इसका समय मई से लेकर दिसम्बर तक था। देखा जाए तो इससे खिलाड़ियों का ज्यादा नुकसान हुआ है। दनुष्का गुणाथिलका, निरोशन डिकवेला और कुसल मेंडिस वर्तमान में बैन झेल रहे हैं, ऐसे में वह अनुबंध के लिए फ़िलहाल योग्य नहीं हैं।

वार्षिक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने वाले श्रीलंकाई खिलाड़ी

धनंजय डी सिल्वा, कुसल परेरा, दिमुथ करुणारत्ने, सुरंगा लकमल, दासुन शनाका, वनिन्दु हसारंगा, लसिथ एम्बुलडेनिया, पथुम निस्सांका, लाहिरु थिरिमाने, दुशमंथा चमीरा, दिनेश चंडीमल, लक्ष्मण संदाकन, विश्व फर्नांडो, ओशाडा फर्नांडो, रमेश मेंडिस, लाहिरू कुमारा, अशेन बंडारा, अकिला धनंजय।

श्रीलंका क्रिकेट ने एक रिलीज जारी करते हुए कहा है कि खिलाड़ियों को चार श्रेणियों के तहत चुना गया था और प्रदर्शन, फिटनेस, नेतृत्व/वरिष्ठता, व्यावसायिकता/आचार संहिता, और भविष्य/अनुकूलनशीलता जैसे मानदंडों के एक सेट के आधार पर चयन पैनल द्वारा नामित किया गया था। अनुबंध करने वाले खिलाडियों के मानदंड और व्यक्तिगत अंको का आवंटन साझा करते हुए ग्रेड तैयार की गई।

उल्लेखनीय है कि हर सीरीज से पहले श्रीलंकाई टीम का अनुबंध विवाद सामने आ रहा था। आगामी समय में टी20 वर्ल्ड कप भी होना है। टीम का प्रदर्शन पहले से खराब रहा है, ऐसे में बोर्ड ने भी इस विवाद का हल निकालने के लिए फिर से पहल की। इस बार बात बन गई और एक बड़ा मुद्दा श्रीलंका क्रिकेट ने अच्छी तरह से सही कर दिया।

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Edited by निरंजन
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