श्रीलंका क्रिकेट टीम के दिग्गज ऑलराउंडर एंजेलो मैथ्यूज ने 2011 वर्ल्ड कप को लेकर बड़ा बयान दिया है। एंजेलो मैथ्यूज ने कहा है कि अगर श्रीलंका की टीम 2011 के वर्ल्ड कप में 320 रन तक बना देती तो फिर वो भारतीय टीम को कड़ी टक्कर दे सकती थी। मैथ्यूज के मुताबिक वर्ल्ड कप फाइनल फाइनल मुकाबले में श्रीलंका की टीम 20-30 रन कम बना पाई थी।
श्रीलंका ने 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल में टॉस जीतकर पहले खेलते हुए 6 विकेट पर 274 रन बनाए थे। महेला जयवर्द्धने ने 103 रनों की शानदार पारी खेली थी। हालांकि भारत ने गौतम गंभीर के 97 और एम एस धोनी के नाबाद 91 रनों की बदौलत ये लक्ष्य हासिल कर लिया था और भारतीय टीम वर्ल्ड कप चैंपियन बन गई थी।
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एंजेलो मैथ्यूज ने यूट्यूब पर क्रिकेट अनप्लगड शो में कहा,
वो मेरा 50 ओवरों का पहला वर्ल्ड कप था। उससे पहले मैंने 2009 और 2010 के वर्ल्ड टी20 में खेला था। 2011 का वर्ल्ड कप हमारे लिए काफी खास था, क्योंकि हम अपनी परिस्थितियों में खेल रहे थे। फाइनल तक के सफर के दौरान हमने बेहतरीन क्रिकेट खेली और फाइनल में भी अच्छा खेल दिखाया। दुर्भाग्य से चोट लगने की वजह से मैं फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाया।
एंजेलो मैथ्यूज 2011 का वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाए थे
आपको बता दें कि एंजेलो मैथ्यूज ने 2011 वर्ल्ड कप के सभी मैचों में हिस्सा लिया था लेकिन वो फाइनल मुकाबला नहीं खेल पाए थे। न्यूजीलैंड के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में उन्होंने टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन चोट के कारण वो फाइनल मैच नहीं खेल पाए। मैथ्यूज ने अपनी चोट को लेकर कहा,
मैं चोट की वजह से दो हफ्ते तक चल भी नहीं सका था, क्योंकि मुझे काफी दर्द हो रहा था। डॉक्टरों ने भी मुझे खेलने से मना कर दिया था। हालांकि इसके बावजूद मुझे टीम के साथ ले जाया गया लेकिन फाइनल मुकाबला मैं नहीं खेल पाया।
एंजेलो मैथ्यूज ने कहा कि फाइनल मुकाबले में श्रीलंका की टीम अगर 300 से ज्यादा रन बनाती तो उसके पास ज्यादा मौके रहते,
मेरा अभी भी मानना है कि अगर हम 320 रन बना लेते तो भारत जैसी बैटिंग लाइन अप को भी कड़ी चुनौती पेश कर सकते थे। भारतीय विकेट्स रोड की तरह एकदम फ्लैट होते हैं और जब कोई बल्लेबाज वहां पर रन बनाने लगता है तो फिर उसे रोकना काफी मुश्किल हो जाता है। भारत के पास जबरदस्त बैटिंग लाइन अप है।